UP में इन बच्चों को मिलेंगे 2500 रुपये! करना होगा ये काम, योगी सरकार की इस योजना से मिलेगा लाभ

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UP में इन बच्चों को मिलेंगे 2500 रुपये! करना होगा ये काम, योगी सरकार की इस योजना से मिलेगा लाभ
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UP Sarkar Scheme: केंद्र और राज्य सरकार अपने नए योजनाओं की शुरुआत करने के लिए समय-समय पर आती रहती हैं. इन योजनाओं से बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी को फायदा पहुंचाने का उद्देश्य है. एक बार फिर से सरकार द्वारा योजना बनाई गई है, यह एक ऐसी योजना है जिसमें बच्चे हर महीने 2500 रुपये प्राप्त कर सकते हैं, जिसका नाम है 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना'. चलिए, अब जानते हैं कि इस योजना से कौन-कौन और कैसे लाभान्वित हो सकते हैं.

योगी सरकार ने जनता के लिए अनेकों योजनाओं को प्रारंभ किया है. अब सरकार द्वारा एक ऐसी योजना बनाई गई है जिसमें बच्चों को हर महीने अनुदान दिया जाएगा, जो उनकी शिक्षा और पोषण के लिए आवश्यक है. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत निराधारित बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा. जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र ने इस योजना के विषय पर कहां है कि "मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बच्चों के लिए और उनके भविष्य के लिए काफी अच्छी योजना है, इसके तहत बच्चों को शिक्षा और उनके पोषण में आने वाली दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा."

किसको मिलेंगे ये पैसे?
इस योजना के अंतर्गत उन बच्चों को अनुदान दिया जाएगा जिनके माता-पिता या फिर दोनों की मृत्यु हो गई है, इसके तहत हर महीने ₹2500 का अनुदान दिया जाएगा. हर महीने ₹2500 बच्चों के बैंक खाते में सरकार द्वारा डाली जाती है, यह रुपए तिमाही किस्तों मैं डाली जाती है. योजना का उद्देश्य है कि वह बच्चे जिनके माता-पिता या दोनों की मृत्यु हो गई है उन्हें भविष्य में किसी भी तरीके का कोई भी परेशानी न झेलना पड़े और वे पढ़ लिख सके.

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मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत बच्चों को शिक्षा और पोषण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना में उन बच्चों को लाभ मिलता है जिनके माता-पिता नहीं हैं. यह योजना का पंजीकरण ऑफलाइन होता है और इसके लिए मृतक माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और स्कूल में एडमिशन का रजिस्ट्रेशन नंबर आवश्यक होता है. ये दस्तावेज़ योजना के लाभ का अधिकारी बनने के लिए आवश्यक होते हैं.

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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती

वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।

उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है