ATM से ₹100 और ₹200 के नोट निकालना अब होगा आसान! RBI के नए आदेश से बैंकों में मची हलचल

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देश के सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स (WLAOs) को एक नया निर्देश जारी किया है, जिसने बैंकिंग सेक्टर में हलचल मचा दी है। यह आदेश ₹100 और ₹200 के नोटों की उपलब्धता से जुड़ा हुआ है, जिससे आम जनता को अब एटीएम से छोटे मूल्यवर्ग के नोट निकालने में कोई परेशानी नहीं होगी।
क्या है आरबीआई का नया निर्देश?
आरबीआई ने अपने ताज़ा सर्कुलर में कहा है कि देशभर में चल रहे एटीएम से अब ₹100 और ₹200 के नोट भी आसानी से उपलब्ध कराए जाएं। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एटीएम मशीनों में इन नोटों की पर्याप्त उपलब्धता हो, जिससे बाजार में छोटे मूल्य के नोटों की कमी न हो।
इस सर्कुलर के अनुसार, आरबीआई ने निर्देश दिया है कि:
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31 मार्च 2026 तक यह व्यवस्था 90% एटीएम में लागू होनी चाहिए।
इस आदेश को चरणबद्ध तरीके से लागू करने को कहा गया है ताकि ग्राहकों को छोटी राशि के नोटों की समस्या न झेलनी पड़े।
व्हाइट लेबल एटीएम क्या होते हैं?
व्हाइट लेबल एटीएम (White Label ATMs) वे एटीएम होते हैं जो किसी निजी या गैर-बैंकिंग कंपनी द्वारा लगाए जाते हैं, ना कि किसी बैंक के द्वारा। इनसे ग्राहक डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पैसे निकाल सकते हैं और अन्य सुविधाओं का लाभ भी उठा सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे बैंक के एटीएम से।
अब एटीएम चार्ज भी बढ़ा: जानिए नई दरें
आरबीआई के नए निर्देशों के साथ-साथ 1 मई 2025 से एटीएम से पैसे निकालने और बैलेंस चेक करने के नियमों में भी बदलाव हुआ है। अब यदि आप अपने होम बैंक (जहां आपका खाता है) के एटीएम के बजाय किसी दूसरे बैंक के एटीएम से लेन-देन करते हैं तो आपको पहले से ज़्यादा शुल्क देना होगा।
कैश विथड्रॉल पर चार्ज: पहले यह ₹17 था, अब इसे बढ़ाकर ₹19 कर दिया गया है।
बैलेंस चेक पर चार्ज: पहले ₹6 लगता था, अब ₹7 देना होगा।
इन शुल्कों में बढ़ोतरी उन ग्राहकों को प्रभावित करेगी जो अक्सर अपने बैंक के बाहर के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं।
इस फैसले का आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा?
इस फैसले का आम जनता पर दोहरा असर पड़ेगा। एक ओर जहां छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ेगी और एटीएम से ₹100 और ₹200 के नोट आसानी से मिल सकेंगे, वहीं दूसरी ओर अगर ग्राहक किसी अन्य बैंक के एटीएम का उपयोग करते हैं, तो उन्हें अधिक शुल्क देना होगा।
इसका सीधा फायदा दुकानदारों, ग्राहकों और आम लोगों को मिलेगा जो अक्सर खुले पैसे न मिलने की समस्या का सामना करते हैं। लेकिन वहीं, जो लोग बार-बार दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं, उनके लिए यह थोड़ा बोझ बढ़ा सकता है।
RBI का यह कदम नोटों की समान और आसान उपलब्धता की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। इससे बैंकिंग व्यवस्था और उपभोक्ता अनुभव दोनों में सुधार होगा। हालांकि शुल्क बढ़ने से कुछ लोग असहज महसूस कर सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में यह कदम एटीएम सेवा की गुणवत्ता और संतुलन को बेहतर बना सकता है।