उत्तर प्रदेश में गर्मी ने बदला मिज़ाज, जल्द ही होगा मानसून का आगमन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को अधिकतम तापमान 39.9 से घटकर 39.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से नीचे दर्ज किया गया. न्यूनतम तापमान भी औसत से काफी कम रहा, जिससे स्पष्ट हुआ कि इस वर्ष मई महीना बीते सालों की अपेक्षा कुछ ठंडा रहा है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार मई में केवल 7 ऐसे दिन रहे जब तापमान 40 डिग्री या उससे ऊपर गया. जबकि सामान्यतः मई का महीना उत्तर भारत में भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है. इस वर्ष पूर्वी हवाएं अधिक सक्रिय रहीं, जो आमतौर पर इस समय इतनी तीव्रता से नहीं चलतीं. ये हवाएं अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से भारी मात्रा में नमी लेकर आती हैं, जिससे उमस बढ़ जाती है. शनिवार सुबह नमी का स्तर अत्यधिक था, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी ने परेशान किया. हालांकि, जैसे ही उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेज़ हुईं, वातावरण की नमी में कमी आई और सूखी गर्म हवाओं यानी लू का असर दिखने लगा.
मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए चेतावनी जारी की है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार से बुधवार तक राज्य के कई जिलों में आंधी और बारिश की संभावना है. मुख्य रूप से 3 और 4 जून को हल्की बारिश हो सकती है. अगले 5 दिनों में राज्य के आधे से अधिक जिलों में मौसम का मिज़ाज बार-बार बदलेगा. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जून का पहला हफ्ता इस साल मानसून के आगमन की दिशा निश्चित करेगा. अगर उत्तर-पश्चिमी हवाओं का प्रभाव जारी रहा, तो मानसून में देरी हो सकती है. वहीं, यदि पूर्वी हवाएं सर्वाधिक रहीं, तो मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है. इस मौसम परिवर्तन के कारण किसानों और आम जनता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।