नेताओं, पुलिस और खनन विभाग के गठजोड़ ने बस्ती में बालू माफियाओं के हौसले किए बुलंद
कलवारी थाना क्षेत्र के माझाकला, फूलपुर, रामनगर में अवैध खनन
संवाददाता-बस्ती. अवैध बालू का खनन आने वाले दिनों में सरयू के किनारे बसे लोगो के लिए तबाही का कारण बनेगा. अवैध बालू के खनन को देखते हुए कटान की आशंका से सरयू के तटवर्ती इलाको में बसे ग्रामीण अभी से कटान को लेकर आशंकित हैं. जनपद में अवैध बालू खनन का काला कारोबार चल रहा है. जेसीबी लगाकर अवैध रूप से सरयू से बालू का खनन कराया जा रहा है. इस अवैध खनन के चलते नदी की कटान का खतरा भी बढ़ गया है, लेकिन बालू माफिया, सफेदपोश और पुलिस की तिकड़ी के संरक्षण में चल रहे अवैध बालू खनन के कारोबार पर रोक नहीं लग पा रहा है.
सफेदपोश, पुलिस और खनन विभाग के गठजोडृ ने बालू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद कर दिये है कि माझा कला में ही पुराने पीपे के पुल के पास सरयू की धार में लिफ्टर मशीन के सहारे बालू खीच कर नदी के तट पर लाया जा रहा है और डम्परों में लाद कर उसे अलग अलग जगहो पर जमा किया जा रहा है.
बालू खुदाई के लिए निर्धारित स्थान से खुदाई न करते हुए बालू माफिया सरयू नदी के जिस हिस्से से चाह रहे है खुदाई कर रहे हैं. क्षेत्रीय ग्रामीणों की माने तो बालू लदे डम्फरों के रात दिन बालू ढुलाई के कारण एक तरफ सड़कें टूट रही है तो दूसरी ओर अवैध खनन के चलते सरयू के विकराल रूप लेने से गांव में तबाही की भी आशंका बढ़ गई है. ग्रामीणों का कहना है कि सरयू ने जब भी विकराल रूप तो गांव में तबाही आ सकती है.
मानक के विपरीत नियमों को तार-तार कर बालू का अवैध खनन पर जहां खनन विभाग ने आंख बंद कर रखी है. वही बताया जाता है कि सत्ता पक्ष से जुड़े एक सफेदपोश और पुलिस के संरक्षण बालू माफियाओ के हौसले को ताकत दे रहे है. जनपद में पिछले वर्ष भी बालू डम्प करने नीलामी कराने एवं जुर्माना लगाने और फिर बालू बेचने का खेल हो चुका है. प्रशासन की अनुकम्पा और सत्ता के संरक्षण में बालू माफिया खनन कानून और प्रकृति की धज्जियां उड़ा रहे हैं.