Basti News: 231.858 किमी लंबी सड़क का निर्माण शुरू, इन पाँच जिलों को मिलेगी कनेक्टिविटी
84 कोसी परिक्रमा मार्ग केवल यात्रा नहीं यह कुआनो तट पर स्थित पुरातात्विक, आध्यात्मिक स्थलों के महत्व को बढ़ाने, सहेजने, संवारने का माध्यम बनेगी। बस्ती की नगरी में पुण्य पावन सलिला मोक्षदायिनी तीर्थ परिक्रमा के शुभारंभ अवसर पर धर्म, आस्था और विश्वास का अद्भुत दृश्य निर्मित हुआ है। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले जिले के पौराणिक स्थल अब चमक उठेंगे। बस्ती जिले में परिक्रमा मार्ग के प्रथम फेज की सड़क के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इसके बाद निर्माण प्रक्रिया और तेज हो जाएगी। सड़क के लिए कुल 6500 काश्तकारों की 45 मीटर चौड़ाई में 180 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा रही है। निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी एनएच को प्रथम फेज की सड़क बनाने के लिए 1,032 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है। यह सड़क मखौड़ा धाम व छावनी से महूघाट, रामबाग व सांड़पुर से सरयू नदी पार कर आंबेडकरनगर के शृंगी ऋषि के आश्रम तक बनाई जाएगी। परिक्रमा मार्ग बनने से आंबेडकर नगर स्थित ऋषि शृंगी का आश्रम और बस्ती में स्थित उनकी धर्मपत्नी शृंगीनारी का आश्रम भी सीधे जुड़ जाएगा। अभी तक श्रद्धालुओं को इन दोनों धर्मस्थलों पर पहुंचने के लिए 100 किमी से अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी।
अब परिक्रमा मार्ग बन जाने से दोनों स्थलों के बीच की दूरी घटकर 25- 30 किमी के बीच हो जाएगी। हनुमानबाग चकोही 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का दूसरा पड़ाव स्थल है। मान्यता है कि भगवान राम के भक्त हनुमान यहां वास कर अवध नगरी की निगरानी करते थे। इसीलिए यह स्थल हनुमानबाग के नाम से प्रचलित है। परिक्रमा के दौरान श्रद्धालु यहां रात भर विश्राम करते हैं। सड़क बन जाने से इस स्थल पर दर्शनार्थियों का आवागमन बढ़ जाएगा। रामरेखा एक जलधारा है।
यह छावनी कस्बे के निकट स्थित है। मान्यता है कि मिथिला से ब्याज रचाने के बाद अयोध्या लौटते समय माता जानकी और प्रभु श्रीराम ने यहां विश्राम किया था। इस बीच माता जानकी को प्यास लगी तो प्रभु श्रीराम ने अपनी अंगुली से रेखा खींची। इसके बाद जल प्रवाहित होने लगा। तभी से यह स्थल रामरेखा के नाम प्रचलित है। परिक्रमा मार्ग से यह स्थल भी जोड़ा जा रहा है। परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं का यह पहला पड़ाव भी है। परिक्रमा मार्ग की सड़क पुत्र कामेष्टि यज्ञ स्थल मखौड़ा धाम से प्रारंभ हो रही है। यह जिले के परशुरामपुर ब्लॉक का सीमा क्षेत्र है। यहां से सड़क निकलकर विक्रमजोत ब्लॉक के छावनी स्थित रामरेखा मंदिर और दुबौलिया ब्लॉक के हनुमान बाग चकोही पहुंचेगी।
इसके बाद सरयू नदी पर पुल बनाकर सड़क को आंबेडकरनगर जिले के शृंगी ऋषि के आश्रम तक बनाया जाना है। पांच जिलों को जोड़ने वाली 231.858 किमी लंबी यह सड़क प्रभु श्रीराम के इन पौराणिक स्थलों की महत्ता बढ़ा देगी। यहां पर्यटन की दृष्टि से आवागमन भी बढ़ेगा। मखौड़ा परिक्रमा मार्ग का शुभारंभ स्थल है। यह वही मनवर नदी का तट है जहां भगवान श्रीराम के जन्म से पहले चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराया था। त्रेताकाल से इस स्थल का महत्व है। अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा यहीं से प्रारंभ होती है।