कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित करेगा स्वर्णप्रशान

Leading Hindi News Website
On
उन्होंने ने बताया जैसे अन्नप्राशन में बच्चे को अन्न का रस तत्व ग्रहण कराते हैं, वैसे ही स्वर्ण का रस तत्व बच्चों को ग्रहण कराने की प्रक्रिया को स्वर्णप्राशन कहते हैं. यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है वरन् आयुर्वेद संहिता में युगों से स्थापित श्रेष्ठ अनुभूत योग है.स्वर्णप्राशन से बच्चे की मेधा यानि दिमागी विकास तो होता ही है, इम्युनिटी भी बढ़ती है जिससे बच्चे बार बार सर्दी जुखाम बुखार से दूर रहते हैं.मैंनेजनहित में यह प्रकल्प आरंभ कराने जा रहा हूं.श्री पाण्डेय ने बताया अनंत शिखर साकेत पुरी कॉलोनी अयोध्या आने वाला 2021 गुरु पुष्य नक्षत्र 11 जुलाई 8 अगस्त 4 सितंबर 1 अक्टूबर 29 अक्टूबर 25 नवंबर और 22 दिसंबर इन तारीखों को 6 महीने से अट्ठारह साल की अवधि तक के बच्चों को स्वर्ण प्राशन करवाया जायेगा.
On
ताजा खबरें
About The Author
