मंदिर का हुआ भूमि पूजन स्वर्ण के गर्भगृह में विराजमान होंगी माता सीता
अयोध्या. श्री तपस्वी जी की छावनी रामघाट अयोध्या के तुलसीबारी में स्थित सवा दो लाख वर्ग फुट बाग में जगतगुरु परमहंस आचार्य ने सीता माता मंदिर निर्माण के लिए वैशाख शुक्ल पक्ष की जानकी नौवमी तिथि माता जानकी के जन्मोत्सव पर भूमि पूजन कर संकल्प लिया. भूमि पूजन के बाद जगतगुरु परमहंस आचार्य जी महाराज ने कहा की सीता माता के मंदिर का गर्भगृह पूर्ण रुप से स्वर्ण का होगा जिसमे माता सीता विराजमान होगी और प्रतिदिन माता को छप्पन भोग लगाया जाएगा और वह प्रसाद लाखों लोगों में निशुल्क वितरित होगा जिससे कि अयोध्या में आने वाला कोई व्यक्ति श्रद्धालु मां के दरबार में भूखा ना रहे सबको भोजन प्रसाद निशुल्क मिल सके ऐसी व्यवस्था सीता माता मंदिर में की जाएगी.
महाराज जी ने कहा कि यह मंदिर लगभग 20 बर्षो में बनकर तैयार होगा और इसकी लागत लगभग 11000 करोड़ रुपए होगी. जगतगुरु ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मुझे श्री राम लला के स्वपन आ रहे थे और ठाकुर जी कह रहे थे कि अयोध्या में हमारे जन्म स्थान पर मंदिर का निर्माण हो रहा है अब सीता का भी मंदिर बनना चाहिए श्री राम लला की प्रेरणा और हनुमान जी महाराज की अनुकंपा से मेरे मन में यह विचार आया कि हमारे मंदिर के पास पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के अंदर अपनी जमीन है और हनुमान जी महाराज की कृपा है ठाकुर जी का आदेश हो रहा है तो क्यों ना माता सीता के जन्मोत्सव पर इस शुभ कार्य का शुभारंभ किया जाए और कोविड 19 समाप्त होने के बाद कार्य को गति प्रदान किया जाए.भूमि पूजन के बाद अब पूरे परिसर और मंदिर का नक्शा बनाया जाएगा जिसका लोकार्पण होगा और उसके बाद न्यू पूजन करके मंदिर का निर्माण शुरु कर दिया जाएगा. सीता माता मंदिर आम लोगों की सहयोग से बनेगा जिसमें देश की प्रतीक नागरिक से एक रुपए और एक ईंट कि आकांक्षा है कि देश के प्रतीक नागरिक का अंश अपने माता के मंदिर निर्माण में लगे. उन्होंने कहा मंदिर परिसर में धर्मशाला और भोजनालय होगा जो अयोध्या में आने वाले माता के पुत्रों के लिए निःशुल्क होगा.