
Bijli Hadtal In UP: बिजली कर्मियों के हड़ताल का बस्ती में व्यापक असर, शहर में पानी को तरसे लोग
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. बिजली कर्मियों की हड़ताल का व्यापक असर दिखने लगा है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में बिजली आपूर्ति बाधित होने से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है. बिजली आपूर्ति सुनिश्चित रखने के प्रशासनिक तैयारियां फेल नजर आ रही हैं. देर शाम शहर के कुछ स्थानों पर बिजली आपूर्ति बहाल हुई किन्तु अनेक क्षेत्रों में अन्धेरा है. घरों में सबसे बड़ा संकट पानी का है. कुछ लोग तो मोबाइल चार्जिंग कराने के लिये परेशान रहे. ग्रामीण क्षेत्रों में हड़ताल का सर्वाधिक असर है. सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में भी बिजली हड़ताल का व्यापक असर दिखा.
जिले के 36 विद्युत उपकेंद्रों में से 32 उपकेंद्र ब्लैक आउट हो चुके हैं. यह संकट विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के चल रहे हड़ताल में ट्रांसमिशन कर्मियों के शामिल होने के बाद बढ़ा है. गांधीनगर, मालवीय रोड, बड़ेबन, पुरानी बस्ती, पॉलिटेक्निक, कैली, कलवारी, नगर बाजार, बहादुरपुर, कप्तानगंज, गौर, दुबौला,भानपुर, ओड़वारा, मुंडेरवा, महसो, बनकटी, कुदरहा, गांउखोर, सल्टौआ, बभनान उपकेंद्र, दुबौलिया सहित 32 उपकेंद्र पूर्ण रूप से बंद हैं.
मुख्य अभियंता कार्यालय पर बिजली कर्मियों की मांगों को लेकर तीसरे दिन शुक्रवार को भी कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन जारी रहा. बिजली कर्मियों की हड़ताल से जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. फीडरों से आपूर्ति होने वाली बिजली बाधित होने से शहर के मोहल्लों से लेकर अनेक गांवों में अंधेरा रहा. रात में गई बिजली दूसरे दिन भी साामान्य नहीं हो पाई है. बिजली कर्मियों की हड़ताल के दौरान सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से की गई तैयारियां भी बेअसर साबित हो रही है.
सभी विद्युत उपकेन्द्रों पर जोनल, सहायक नोडल, सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात करने, एसडीएम द्वारा अपने क्षेत्र में अधीनस्थ लेखपाल, कानूनगो, सेक्रेटरी, पंचायत सहायक, रोजगार सहायक की शिफ्टवार डयूटी लगाने, स्वयं नियमित निरीक्षण, पर्यवेक्षण करने के डीएम के फरमान बाद भी विद्युत व्यवस्था सुचारु नहीं हो पाई.
कृष्ण मोहन यादव, आशुतोष लाहिरी, राम सकल मौर्या, अमित कुमार, अजय पांडेय, दयाशंकर, अष्टभुजा उपाध्याय, मनोज कुमार यादव, प्रिंस कुमार, जितेंद्र मौर्या, ज्ञानू, गब्बर, विक्रम, भानू, बृजकिशोर, राजकुमार यादव, रामवृक्ष यादव, राम बहादुर, अभय सिंह, गजेंद्र श्रीवास्तव व अन्य विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे.
33/11 विद्युत उप केंद्र विक्रमजोत पर विद्युत कर्मचारियों एवं लाइनमैन के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण विद्युत आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ा गई है उप केंद्र से संचालित 5 फीडरो में केनौना, कोहराये, मलौली गोसाई, रिधौरा और विक्रमजोत मैं आपूर्ति व्यवस्था को लेकर उपभोक्ता ग्रामीणों की प्रतिदिन एक दर्जन शिकायतें उप केंद्र पर पहुंच रही हैं वही उपकेंद्र विक्रमजोत पर कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में छावनी पुलिस का एक हेड कांस्टेबल एवं दो होमगार्ड तैनात किए गये है विद्युत उप केंद्र के अंदर विद्युत आपूर्ति संचालन व्यवस्था को देखने के लिए विभागीय उच्चाधिकारियों द्वारा बस्ती हथियागढ़ पॉलिटेक्निक से इलेक्ट्रिक टेक्नीशियन छात्र दिलीप कुमार और मुकेश को लगाया गया है . जानकारी के अनुसार उपकेंद्र के सुविधा क्षेत्र मे लगभग तीन सौ गांव को विद्युत आपूर्ति की जाती है उपकेंद्र पर मौजूद अस्थाई कर्मियों ने बताया कि आपूर्ति बाधित होने या उपभोक्ताओं की शिकायत पर एक मोबाइल सचल टीम गठित की गई है जो मौके पर पहुंचकर समस्या का निस्तारण कर रही है.
गुरू वार एवं शुक्रवार को रिधौरा, टिकरिया, विक्रमजोत कस्बा, केनौना, कलन्द्रहा, धिरौलीपाण्डे, नेतवरपट्टी सहित दर्जनों गांव के तमाम उपभोक्ताओं का कहना है कि विद्युत आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ा गई बमुश्किल से इतनी बिजली मिल पाती है कि मोबाइल और इनवर्टर चार्ज हो जाए. सीएचसी विक्रमजोत के प्रभारी चिकित्सक डॉ आसिफ फारुक ने बताया कि विद्युत आपूर्ति लड़खड़ाने से रोजमर्रा की पैथालाजी जांच एवं टीकाकरण सेंटर रूम मे वैक्सीन कंटेनरो के लिए अतिरिक्त जनरेटर चलाकर स्थिति को सामान्य किया गया है ठीक वही बिजली के सहारे चलने वाले बिल्डिंग मशीनरी प्रतिष्ठानों के संचालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है उन्हें महंगे डीजल से चलने वाले जनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है.
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