नई शिक्षक भर्ती की मांग पर भड़का युवा आक्रोश: 28 मई को प्रयागराज में महा आंदोलन का ऐलान

उत्तर प्रदेश में नई शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा अब सड़कों पर उतर आया है। साल 2018 के बाद से प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर कोई नई शिक्षक भर्ती नहीं आई है, जिससे हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में 23 मई की शाम प्रयागराज में प्रदेश भर से आए अभ्यर्थियों ने बैठक कर 28 मई को शिक्षा सेवा चयन आयोग के दफ्तर के बाहर महा आंदोलन का ऐलान किया है।
इस बैठक में प्रदेश के कोने-कोने से आए प्रतियोगियों ने एकजुट होकर शिक्षक भर्ती को लेकर अपनी रणनीति तय की। इस दौरान 45 डिग्री की झुलसाती गर्मी में भी सैकड़ों युवा जमीन पर बैठकर भर्ती की मांग पर चर्चा करते नजर आए। सभी ने एक स्वर में कहा—"शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करो!"
बैठक के बाद आंदोलन की तारीख और स्थान की घोषणा करते हुए एक प्रतिनिधि ने बताया कि “28 मई को सुबह 10:00 बजे हम सभी यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज के कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त आंदोलन करेंगे।”
क्यों भड़के हैं अभ्यर्थी?
लेकिन ठीक चार घंटे बाद यह पोस्ट हटा दी गई, जिससे अफवाहों और निराशा का माहौल बन गया। अभ्यर्थियों ने इस कार्रवाई को भर्ती के प्रति सरकार की गंभीरता पर सवाल के रूप में देखा और सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया।
पिछली भर्तियों का हाल
प्राथमिक शिक्षक भर्ती का आखिरी नोटिफिकेशन दिसंबर 2018 में जारी हुआ था, जिसमें 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसका परीक्षा आयोजन 6 जनवरी 2019 को हुआ और रिजल्ट मई 2020 में आया।
माध्यमिक शिक्षा (TGT/PGT) भर्ती का अंतिम नोटिफिकेशन 9 जून 2022 को जारी हुआ था, लेकिन अभी तक परीक्षा ही नहीं हो पाई हैं।
हायर एजुकेशन (राजकीय इंटर कॉलेज) के लिए अंतिम बार भर्ती 15 मार्च 2018 को घोषित हुई थी, जिसका रिजल्ट 27 अप्रैल 2019 को आया था।
इन सभी तथ्यों से साफ है कि पिछले पांच से छह वर्षों में शिक्षक भर्तियों की प्रक्रिया लगभग ठप हो चुकी है।
आंदोलन का उद्देश्य
प्रयागराज में होने वाला यह आंदोलन केवल नई भर्ती की मांग भर नहीं है, बल्कि यह उस जनभावना की अभिव्यक्ति है जिसमें लाखों युवा अपनी योग्यता, समय और ऊर्जा को भविष्य के लिए समर्पित कर रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से स्पष्ट नीति का अभाव उन्हें निराश कर रहा है।
प्रतिनिधियों का कहना है कि यह आंदोलन राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग तक सीधी बात पहुंचाने का माध्यम होगा। आंदोलन पूर्णतः शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगा, लेकिन जब तक कोई ठोस ऐलान नहीं होता, तब तक यह विरोध जारी रहेगा।
क्या मांगे हैं?
1. नई शिक्षक भर्ती का तुरंत विज्ञापन जारी हो।
2. स्पष्ट भर्ती कैलेंडर घोषित किया जाए।
3. पुरानी भर्तियों की लंबित प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए।
4. शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की गणना सार्वजनिक की जाए।
अब देखना यह होगा कि 28 मई को प्रयागराज में होने वाले इस महा आंदोलन के बाद सरकार की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है। लेकिन एक बात तय है—उत्तर प्रदेश के लाखों युवाओं ने अब चुप रहने का इरादा छोड़ दिया है।