यूपी को रेलवे की मिली नई सौगात, नई रेलवे लाइनों का निर्माण शुरू
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उत्तर प्रदेश सरकार रेल नेटवर्क को अधिक सुदृढ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण दिन प्रतिदिन फैसला ले रहा है. अब परियोजनाओं से न केवल यात्री सुविधा में सुधार करने की आवश्यकता है अपितु माल वाहन क्षमता में भी वृद्धि करना सरकार का दायित्व बन चुका है जिससे क्षेत्रीय और ग्रामीण गांव के आसपास को विकास को बढ़ावा मिल सके.
मनकापुर और गोंडा तक बचेगी तीसरी और चौथी लाइन
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में सरकार ने महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत विकास को बढ़ावा देने की बात कही है. मनकापुर और गोंडा जंक्शन के बीचों बीच में अभी तक डबल रेल लाइन बना ही है ऐसे में कई बार ट्रेनों के आवागमन का अधिक असर पड़ता है इस पूरे मामले को देखकर अब रेलवे ने मनकापुर और गोंडा के बीचों बीच में करीब 27 किलोमीटर चौथी और तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का एक महत्वपूर्ण फैसला ले चुका है अब दोनों लाइनों का एक साथ सर्वे करना निर्देश जारी हो चुका है.
इसके लिए रेल मंत्रालय ने लगभग लगभग 1 करोड़ 12 लख रुपए की राशि से अधिक बजट का प्रस्ताव बनाकर तैयार किया है. इसी बीच चौथी और तीसरी रेल लाइन बिछाने के लिए ट्रेनों का विकास और आवागमन का मजबूती देना रेल मंत्रालय की पहले प्राथमिकता मानी जा रही है. पूर्वोत्तर रेलवे राजधानी लखनऊ डिविजन का गोंडा रेलवे स्टेशन आदर्श श्रेणी में आने के साथ-साथ उप मंडलीय का दर्जा प्राप्त कर चुका है. अब विकास निर्माण के लिए रेल मंत्रालय ने लगातार रोड मैप तैयार करके सरकार और रेल यात्रियों को अपना राय साझा कर रही है.
अब रेल कनेक्टिविटी को मिलेगी नई रफ्तार
एक सर्वे जांच के मुताबिक गोंडा और बस्ती रेल खंड के बीच मनकापुर स्टेशन का पड़ाव आता है जिसे जंक्शन का दर्जा मिल चुका है यहां पर अयोध्या धाम के लिए ट्रेनों का आना-जाना प्रतिदिन रहता है अब यही नहीं राजधानी लखनऊ होकर मनकापुर के लिए बंदे भारत ट्रेन का भी संचालन करवाया जाता है इस ट्रैक का विस्तार होने से मनकापुर जंक्शन भी बादशाह नगर और खलीलाबाद के तर्ज पर ए श्रेणी में रखा जाएगा.
गोंडा जिले से मनकापुर रेलवे स्टेशन के बीचो-बीच बरूआचक, मोतीगंज और झिलाई स्टेशन पड़ता है. अभी तक इस रूट पर डबल रेल लाइन ही है लेकिन तीसरी और चौथी लाइन निर्माण होने के तत्पश्चात कई अन्य ट्रेनों का संचालन प्रारंभ करवाया जाएगा जिसके संभावना अब बढ़ चुकी है इन सभी स्टेशनों के आसपास करीब 20 हजार आबादी को देवीपाटन मुख्यालय आने-जाने में सुगमता महसूस होगी. इसी दौरान वरिष्ठ सहायक मंडल अभियंता आलोक श्रीवास्तव ने एक सर्वे के मुताबिक बताया है कि बहुत जल्द सर्वे का कार्य प्रारंभ हो जाएगा निर्धारित समय से इसको पूरा करवाने की रणनीति विभागीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है.