यूपी में रेलवे की अनोखी पहल, पटरियों के बीच से होगा बिजली उत्पादन
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यूपी में रेलवे की पटरियां अब सिर्फ ट्रकों का मार्ग नहीं अपितु यह ऊर्जा का स्त्रोत भी अब धीरे-धीरे बनाया जा चुका है. अब भविष्य में ट्रैक माउंटेन ऊर्जा उत्पादन जैसी तकनीकी तथा अधिक सस्टेनेबल तथा कार्बन नाइट्रल रेलवे सेवा की न्यू रख सकती है. अब यह परियोजना एक महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी ट्रांसफर साबित हो सकती है.
क्या प्रदेश में हो रहा ऐसा प्रयोग
अब इस श्रृंखला में राजेश कुमार ने बताया है कि इस प्रक्रिया में ट्रेन यातायात पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा वहीं पैनलों की जरूरत पड़ने पर आसानी से हटाने की सुविधा भी प्रदान की गई है यहां नवाचार बरेका का परिसर में पहले से स्थापित रूप स्टाफ सोलर पावर प्लांट के साथ-साथ मिलकर हरित ऊर्जा उत्पादन को और भी गति मिल पाएगी. जिसमें जनसंपर्क अधिकारी ने भी बताया है कि इस प्रक्रिया के अंतर्गत रेलवे ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों को लेकर अलग-अलग चुनौतियां भी मिली हुई थी लेकिन क्या यह सक्रिय पटरी पर स्थापित किया जा पाएगा लेकिन ट्रायल के दौरान इन सभी चुनौतियों से निपट गया तथा ट्रायल सफल पूर्ण रहा.
भारतीय रेलवे की स्वच्छ ऊर्जा की ओर पहल
अब इस योजना के माध्यम से कंपन से सुरक्षा ट्रेन गुजरने से उत्पन्न कंपन को कम करने के लिए रबर माउंटिंग पद का इस्तेमाल किया गया है मजबूती फिक्सेशन पैनलों को एपॉक्सी एडहेसिव से कंक्रिट स्लीपर पर चिपकाए गया है जिससे धातु कंक्रीट का मजबूत बंधन सुनिश्चित हो सफाई और रखरखाव पैनलों को धूल तथा मलबे से मुक्त रखने के लिए आसान सफाई व्यवस्था की गई है तीव्र गति के साथ हटाने की सुविधा पटरियों के रखरखाव के लिए चार एसएस, एनल बोल्ट के माध्यम से पैनलों को जल्दी हटाया जा सकता है.
अब इस कडी़ में जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया है कि इस फाइल से भविष्य में अपार संभावनाएं भी हैं भारतीय रेलवे के 1.2 लाख किलोमीटर ट्रैक नेटवर्क में, यार्ड लाइनों का उपयोग कर इस तकनीक को व्यापक स्तर पर अपनाया जा सकेगा. बिजली उत्पादन सोलर पैनल के लिए अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी अपितु पटरिया के बीच की जगह पर ही इस्तेमाल होगा तथा लगभग 3.1 लाख यूनिट साल किलोमीटर ऊर्जा का उत्पादन होगा. डीएलडब्ल्यू महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने बताया है कि बरेका का यह नवाचार, भारतीय रेलवे को नोट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की तरफ एक कदम आगे है यह परियोजना न केवल सौर ऊर्जा के इस्तेमाल का नया आयाम है अपितु यह भविष्य में भारतीय रेलवे के लिए हरित ऊर्जा का सशक्त मॉडल बन पाएगा.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।