यूपी के इस जिले में होगा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क, होंगे 29 स्टेशन, देंखे पूरी जानकारी
नए साल का जश्न मनाने के लिए लोगों ने मेट्रो का सहारा लिया जब शहर में जाम बढ़ा और जाने के लिए कुछ नहीं था
उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क कानपुर में होगा। जिले में 29 मेट्रो स्टेशन होंगे। इससे सड़कों पर 1.50 लाख वाहनों का ट्रैफिक लोड कम होगा। लखनऊ और आगरा, दोनों राजधानी मेट्रो स्टेशनों और रूटों के मामले में कानपुर से पीछे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आगरा मेट्रो कानपुर से अधिक रूट और स्टेशनों वाली हैं।
32.5 किमी मेट्रो रूट और 29 स्टेशन से बदलेगी तस्वीर
नए साल का जश्न मनाने के लिए लोगों ने मेट्रो का सहारा लिया जब शहर में जाम बढ़ा और जाने के लिए कुछ नहीं था। नए साल में मेट्रो में एक दिन में 10 हजार से अधिक लोगों की यात्रा हुई, जिससे शहर में जाम की आवश्यकता कम हुई। मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के सभी स्टेशनों से सेवा शुरू होने पर सड़कों पर लगभग डेढ़ लाख वाहन कम होंगे। मेट्रो कानपुर सेंट्रल में एक महीने के भीतर शुरू होने पर मार्च तक 50 हजार वाहनों का लोड कम हो जाएगा। आईआईएसटी से सेंट्रल की दूरी 25 मिनट में पूरी हो जाएगी। कानपुर शहर की सड़कों से 1.5 लाख वाहनों का ट्रैफिक लोड एक साल में कम हो जाएगा। मार्च 2025 में ही 50 हजार वाहन शहर की सड़कों से कम हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेट्रो रेल नेटवर्क की वजह से ऐसा होगा। मेट्रो के दोनों कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क 32.5 किमी का होगा और इसमें 29 स्टेशन होंगे। परिवहन विभाग, नगर निगम और मेट्रो की आकलन रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रो के सभी रूटों पर संचालन होने से सड़क से डेढ़ लाख वाहन कम हो जाएंगे। कानपुर का रूट 32.5 किमी होगा, जिसमें 29 स्टेशन हैं। इसमें 11 स्टेशन अंडरग्राउंउ हैं। कॉरिडोर एक में सात और कॉरिडोर दो में चार स्टेशन भूमिगत होंगे। लखनऊ में मेट्रो का रूट 23 किमी का है, जिसमें 21 स्टेशन हैं। इसमें चार भूमिगत और 17 एलिवेटेड हैं। आगरा का मेट्रो रूट 30 किमी का है, इसमें कुल 27 स्टेशन हैं। इसमें सात भूमिगत है और 14 एलिवेटेड हैं।इस जिले में बदल जाएगी ट्रैफिक व्यवस्था
परिवहन विभाग नगर निगम के साथ ही मेट्रो की आकलन रिपोर्ट की मानें तो मेट्रो के सभी रूटों पर इसकों संचालिक किए जानें से डेढ़ लाख गड़ियों का भार शहर पर कम पड़ेगा। यूपी का सबसे ज्यादा अंडरग्राउंड स्टेशन वाला मेट्रो, कानपुर के पास एक उपलब्धि तो ये है कि यह यूपी का सबसे ज्यादा और सबसे ज्यादा फैले हुए रूट का मेट्रो है लेकिन एक खास बात ये है कि सबसे ज्यादा अंडरग्राउंड स्टेशन वाला मेट्रो भी कानपुर ही है। पहली जनवरी को हो चुका ट्रायल यूपी मेट्रो जेजीएम, पीआर पंचानन मिश्रा ने बताया कि मेट्रो सड़कों से ट्रैफिक कम करने का काम करेगी। सेंट्रल तक रूट कंप्लीट हो चुका है। आईआईटी से सेंट्रल तक मेट्रो चलने से सड़कों से जाम कम होगा। मेट्रो पूरी तरह से चलेगी तो डेढ़ लाख वाहनों के कम होने का आकलन किया गया है। मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के सभी स्टेशनों से मेट्रो का संचालन शुरू होने पर सड़कों पर डेढ़ लाख वाहनों के कम होने का अनुमान है। एक महीने के भीतर कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो का संचालन होने पर मार्च तक 50 हजार वाहनों का लोड कम होगा। आईआईटी से सेंट्रल तक की दूरी 25 मिनट में पूरी हो जाएगी। कानपुर में होंगे यूपी के सबसे ज्यादा अंडरग्राउंड स्टेशनः यूपी का सबसे अधिक स्टेशनों और ज्यादा रूट वाले मेट्रो के साथ कानपुर में सबसे ज्यादा अंडरग्राउंड स्टेशन भी होंगे। मेट्रो का संचालन मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के सभी स्टेशनों से शुरू होने पर सड़कों पर डेढ़ लाख गाड़ियां कम हो सकेंगी। इस तरह के अनुमान लगाए जा चुके हैं जहां तक ट्रायल की बात है तो पहली जनवरी को ही ट्रायल कर लिया गया। मेट्रो सड़कों से ट्रैफिक कैसे कम हो इसे लेकर काम किया जा रहा हैण् रूट कंप्लीट का काम सेंट्रल तक तक किया जा तुका है।