गोरखपुर से गुजरेगा यह 6 लेन का एक्सप्रेस-वे आस पास के इन जिलो को भी होगा फ़ायदा
-(1)2.png)
प्रदेश में गोरखपुर और सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे छः लेन के रूप में बनकर तैयार होगा. केंद्र सरकार ने इस योजना की मंजूरी दे चुकी है जिसमें भूमि अधिकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुका है. इस योजना के पूरा हो जाने के बाद कनेक्टिविटी में सुधार होगा और आर्थिक तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा मिल पाएगा.
सिलीगुड़ी से गोरखपुर तक यात्रा होगी आसान
उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम तथा राजमार्ग मंत्रालय ने सिलीगुड़ी और गोरखपुर एक्सप्रेसवे को 6 लेन में तब्दील करने का अपनी ओर से स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है अब इसके अलावा राम जानकी रास्ते से मार्ग रेखन पर मशरख-चकिया- भिटठा मोड़ के पास सड़क के कुछ हिस्से को चार लाइन में तब्दील किए जाने का एलाइनमेंट को भी मंजूरी मिल चुकी है.
इसी दौरान मंत्री नितिन नवीन ने पथ निर्माण के बारे में बताया इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद पटना 3 घंटे में पहुंचने का रोड मैप तैयार किया गया है और पूरा करने में भी आसानी मिलेगी. सिलीगुड़ी और गोरखपुर एक्सप्रेसवे की कुल लगभग लंबाई 525.6 किलोमीटर तथा इसके तहत 417 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य बिहार में किया जाना तय हो चुका है. एक्सप्रेसवे के पूरा निर्माण के लिए 27,522 करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जाएगी इस सड़क के डिजाइन स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय किया गया है.
एक्सप्रेसवे से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
इस योजना के तहत जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है उसमें 87.5% कृषि भूमि का हिस्सा बना हुआ है यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर तथा किशनगंज जिले से होकर जाएगी अब इस दौरान 42 बड़े पुल और 151 छोटे पुल का निर्माण बनाने का रोड मैप तैयार किया जा रहा है. राम जानकी रास्ते में एलाइनमेंट पर मशरख तथा चकिया से चकिया और भीटठा के किनारे होते हुए सड़क को फोनलेन किए जाने को लेकर रास्ता साफ हो चुका है यानी इसकी स्वीकृति मिल चुकी है.
राम जानकी रास्ते का निर्माण कार्य प्रदेश के छावनी मोड़ से मेहरौना घाट आगे बढ़ते हुए नेपाल सीमा तक स्थित भीटठा मोड तक सड़क निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है. मंत्री नितिन नवीन ने पथ निर्माण को लेकर कहा है कि एलाइनमेंट की स्वीकृति सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति हृदय से आभार जताया है आगे उन्होंने कहा है कि इन सड़कों के निर्माण से विकास की रफ्तार में गति प्रदान होगी. और तमाम इलाकों में पटना 3 घंटे में पहुंचने का लक्ष्य पूरा हो पाएगा.