यूपी में इन किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा, खाते में आएंगे पैसे
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किसान सम्मान निधि योजना का लाभ, किसानों को बड़ी राहत
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. ताकि वे अपनी कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें. जैसे कि बीज, उर्वरक, कीटनाशक और अन्य कृषि उपकरण. इसके अतिरिक्त यह योजना किसानों को सूदखोरों से बचने और कर्ज के बोझ से मुक्त होने में मदद करती है. क्योंकि वे सरकारी सहायता का उपयोग करके अपनी खेती की जरूरतें पूरी कर सकते हैं. यूपी के लखीमपुर खीरी के किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है. इसके लिए जिले के करीब 29 हजार परिवारों में से 3463 लोगों को चिह्नित किया गया है. इन किसानों को जल्द ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाएगा. इसके बाद खाते में दो हजार की किस्त आनी शुरू हो जाएगी.
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इस योजना का मिलेगा लाभ, खाते में आएंगे पैसे
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश के किसानों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो रही है. इसके माध्यम से सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है. यह योजना किसानों को आर्थिक राहत देने के साथ.साथ उनकी कृषि क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है. उम्मीद है कि इस योजना के तहत और भी अधिक किसानों को लाभ मिलेगा और भारतीय कृषि क्षेत्र को एक नया जीवन मिलेगा. डीडी कृषि ने बताया कि आठ अप्रैल तक सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की जो गाइड लाइन है उसमें पात्र मिलने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन कराया जाएगा. जिससे इनको भी सम्मान निधि मिल सके. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में हर साल सरकार छह हजार रुपए देती है.
बताते चलें कि जीरो पावर्टी में चिन्हित परिवारों में जिनके पास आवास नहीं है उनको आवास दिया जाएगा. वहीं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनके राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं. शासन ने इनकी सूची उपकृषि निदेशक को भेजकर इनका सत्यापन कराने का निर्देश दिया है. किसान सम्मान निधि की गाइडलाइन के अनुसार सत्यापन करने के बाद पात्र मिलने पर इनको योजना से जोड़ा जाएगा. यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आता है और वे अधिक आत्मनिर्भर बनते हैं. यह ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव का कारण बनती है. योजना के तहत राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर होती है. जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है और सहायता सही पात्रों तक पहुँचती है.