यूपी में 11 हजार से ज्यादा गाँव में बनेंगे यह भवन, मिलेंगी यह सुविधाएं
इन गांवों को क्यों मिली प्राथमिकता
प्रदेश सरकार ने ऐसे 12,492 गांवों की पहचान की है, जहां 40% से ज्यादे आबादी अनुसूचित जाति वर्ग से आती है. सामाजिक संतुलन और समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए इन गांवों को विशेष श्रेणी में रखा गया है, जिससे विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके.
हर योजना का सीधा फायदा ग्रामीणों को
इन चुनाव किए गए गांवों को सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. इसका मतलब यह है कि अब अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. गांव के जरूरतमंद परिवारों को योजनाओं का लाभ सीधे और आसान तरीके से मिलेगा.
बुनियादी सुविधाओं पर रहेगा फोकस
सरकार की योजना के अंतर्गत गांवों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा. स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय बनाए जाएंगे, जिससे बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके. इसके साथ ही सोलर लाइट और स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी, जिससे गांवों में रात के समय रोशनी और सुरक्षा दोनों बेहतर हों.
शिक्षा और अन्य जरूरी ढांचा भी होगा मजबूत
ग्रामीण बच्चों और युवाओं को पढ़ाई से जोड़ने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा दी जाएगी. इसके अलावा बोरवेल, मोटर शेड, शवदाह गृह जैसी आवश्यक सुविधाओं का भी निर्माण कराया जाएगा. सरकार का प्रयास है कि गांवों में रहने वाले लोगों को शहरों जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल सकें.
जीवन स्तर सुधारने की कोशिश
इन सभी विकास कार्यों से ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी. सुविधाएं बढ़ने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और गांवों से शहरों की ओर पलायन में कमी आने की उम्मीद है.
अब तक कितना काम पूरा हुआ
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध निदेशक शिव प्रसाद ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि समाज कल्याण विभाग की ओर से अब तक 2,562 गांवों में विकास कार्यों को मंजूरी दी जा चुकी है. इनमें से 910 गांवों में काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी गांवों में कार्य तेजी से जारी है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।