अयोध्या से वाराणसी के बिच बनेगा कॉरीडोर, 2 घंटे से कम समय में पहुंचेंगे वाराणसी

अयोध्या से वाराणसी के बिच बनेगा कॉरीडोर, 2 घंटे से कम समय में पहुंचेंगे वाराणसी
अयोध्या से वाराणसी के बिच बनेगा कॉरीडोर, 2 घंटे से कम समय में पहुंचेंगे वाराणसी

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या की पहचान अब केवल धार्मिक नगरी तक सीमित नहीं रहने वाली है. आने वाले वर्षों में रामनगरी आधुनिक सड़क नेटवर्क के माध्यम से देश के बड़े शहरों से और तेज़ी से जुड़ने जा रही है. इसी कड़ी में अयोध्या-वाराणसी हाई स्पीड एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर की तैयारी ने रफ्तार पकड़ ली है. यह परियोजना पूरी होने के बाद पूर्वांचल की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है.

परियोजना की तैयारी ने पकड़ी गति

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई ने इस महत्वाकांक्षी कॉरिडोर के लिए अगला महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है. परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जिससे तकनीकी और व्यवहारिक पहलुओं पर गहन अध्ययन किया जा सके.

डीपीआर तैयार होने में लगेगा समय

एनएचएआई के परियोजना निदेशक अवनीश सिद्धार्थ ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि पहले कंसल्टेंट एजेंसी का चयन किया जाएगा. इसके बाद सर्वे, डिजाइन और रिपोर्ट तैयार करने में करीब 1.5 साल का समय लग सकता है. योजना के मुताबिक यह एक सिक्स लेन हाई स्पीड कॉरिडोर होगा, जिसमें नियंत्रित प्रवेश और निकास की सुविधा रहेगी, जिससे सफर सुरक्षित और तेज़ हो सके.

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यात्रा समय में होगी बड़ी कटौती

इस कॉरिडोर के निर्मित हो जाने से अयोध्या और वाराणसी के बीच की दूरी लगभग 50 किलोमीटर कम हो जाएगी. वर्तमान में जहां यह सफर 4 से 5 घंटे में पूरा होता है, वहीं नई सड़क से यह दूरी करीब 2 घंटे में तय की जा सकेगी. समय की यह बचत विशेष रूप से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बड़ी राहत साबित होगी.

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धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया बल

अयोध्या, वाराणसी और चित्रकूट जैसे प्रमुख धार्मिक केंद्र आपस में और बेहतर तरीके से जुड़ जाएंगे. दशरथ समाधि क्षेत्र से सीधा संपर्क होने के कारण वाराणसी से अयोध्या पहुंचना पहले से कहीं आसान होगा. आगे चलकर यह मार्ग प्रयागराज और चित्रकूट से भी कनेक्ट होगा, जिससे श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक यात्रा एक सुगम सर्किट का रूप ले लेगी.

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पहले हो चुका है ड्रोन सर्वे

नमामि गंगे अभियान से जुड़े जिला संयोजक बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि करीब दो साल पहले इस कॉरिडोर को लेकर ड्रोन सर्वे कराया गया था. मयाबाजार ब्लॉक के बबुआपुर और वंदनपुर क्षेत्र में खेतों में झंडियां लगाकर सर्वे किया गया था. यह मार्ग आगे चलकर अंबेडकरनगर जिले में प्रवेश करेगा. बताया जा रहा है कि रामपुर हलवारा को इसका जीरो प्वाइंट माना गया है.

रिंग रोड से भी बदलेगी कनेक्टिविटी

हालांकि इस हाई स्पीड कॉरिडोर को तैयार होने में अभी समय लगेगा, लेकिन उससे पहले अयोध्या में 67 किलोमीटर लंबा रिंग रोड बनने जा रहा है. लगभग 2500 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना वर्ष 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है. रिंग रोड अयोध्या के साथ-साथ गोंडा और बस्ती जिलों को भी जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय यातायात व्यवस्था और मजबूत होगी.

अयोध्या-वाराणसी कॉरिडोर परियोजना से दूरी तो कम होगी ही साथ-साथ समय बचेगा और श्रद्धालुओं व व्यापारिक गतिविधियों को भी नई दिशा मिलेगी, वर्तमान में प्रक्रिया शुरुआती चरण में है.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।