यूपी में 34 हजार भवनों में पहले से सिस्टम, अब 1 लाख से ज़्यादा में होगा विस्तार

यूपी में 34 हजार भवनों में पहले से सिस्टम, अब 1 लाख से ज़्यादा में होगा विस्तार
Uttar Pradesh News

यूपी में भूजल स्तर को रिचार्ज करने और भावी पीढ़ियो के लिए जल संरक्षण आज के समय में बड़ी जरूरत में से एक बन गया है. जिसमें बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण तथा जल का अत्यधिक दोहन एक ऐसे जल संकट की ओर ले जाने पर मजबूर कर रहा है जिसका असर आने वाली पीढ़ियां पर पड़ सकता है.

एक जिम्मेदारी भावी पीढियां के लिए

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूरे प्रदेश में एक बड़ा अभियान लॉन्च किया है जिसमें सरकार वर्षा जल संचयन को बढ़ावा व्यापक रूप से देने के लिए तथा बड़ा कदम उठाने का फैसला ले लिया है. अब इसका उद्देश्य जल संरक्षण को मजबूत करना होगा तथा भू जल की कमी को दूर करने की तैयारी में अफसर जुट चुके हैं. मंगलवार के दिन राजधानी लखनऊ में जारी एक बयान में बताया गया हैं. अब अभियान के अंतर्गत राज्य भर में 2.45 लाख सरकारी तथा अर्ध सरकारी भवन के छत को वर्षा जल संचयन प्रणाली से लैस करवाया जाएगा.

आगे बताया गया है कि करीब करीब 34000 सार्वजनिक भवन में पहले से ही यह प्रणालियों स्थापित की जा चुकी है तथा आने वाले माह में इसे एक लाख से अधिक संरचनाओं तक विस्तारित करने की तैयारी की जा रही है अब बयान के अनुसार यह पहल भूजल स्तर को रिचार्ज करना और भावी पीढ़ियो के लिए जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. आगे बताया गया है कि भविष्य में जल संकट भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा को भी प्रभावित कर सकता है देश में कृषि भूजल पर निर्भर है जल संकट खाद्य संकट में भी बदल सकता है. सीमित संसाधनों के लिए भविष्य में सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष भी किया जा सकता है.

परंपरागत जल स्रोतों का पुनर्जीवन

इस दौरान अब तक 16 जिलों में पीलीभीत, अयोध्या, अंबेडकरनगर, झांसी, बाराबंकी, बलिया, आजमगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, बस्ती और श्रावस्ती में सभी पात्र सरकारी भवन में वर्षा जल संचयन की स्थापना का 100% लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया जा चुका है. इसी बयान में आगे बताया गया है कि राज्य का जल शक्ति विभाग पूरा उत्तर प्रदेश में वर्षा जल संचयन को बढ़ावा व्यापक रूप से देने के लिए कैच द रेन 2025 अभियान चलाया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि इसके अंतर्गत विभिन्न सरकारी और अर्ध सरकारी भवन में वर्षा जल संचयन प्रणालियों स्थापित करवाने की योजना तीव्र गति से की जा रही है.

अब इस परियोजना के अंतर्गत जल्द से जल्द ही एक लाख से अधिक भवन में यह व्यवस्था स्थापित करवाने की कवायद प्रारंभ हो चुकी है. आगे कहा गया है कि इसमें भुजा वाले रिचार्ज और जल संरक्षण केवल एक तकनीकी समाधान ही नहीं है अपितु एक संस्कृतिक जिम्मेदारी भी है अगर हम आज सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं तो भावी पीढियां एक ऐसी दुनिया में जन्म ले सकती हैं. जहां पर अपनी सबसे कीमती वस्तु के रूप में देखा जाएगा आज हम सब मिलकर जल है तो कल है इस संकल्प को सच्चाई में बदलना है.

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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।