4 घंटे में पूरा होगा गाजियाबाद से इस जिले का सफर, इन 9 जिलों को जोड़ेगा Expressway

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का मतलब ऐसे एक्सप्रेसवे से है, जो हरे-भरे इलाकों से होकर गुजरता है,

4 घंटे में पूरा होगा गाजियाबाद से इस जिले का सफर, इन 9 जिलों को जोड़ेगा Expressway
4 घंटे में पूरा होगा गाजियाबाद से इस जिले का सफर, इन 9 जिलों को जोड़ेगा Expressway

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे 380 किलोमीटर लंबा होगा। यह एक्सप्रेसवे 9 जिलों से होकर गुजरेगा। इसके बनने से समय की बचत होगी, इसके एक्सप्रेसवे से गाजियाबााद से कानपुर जाने में सिर्फ साढ़े 5 घंटे लगेगा। जबकि अभी इस दूरी को तय करने में 8 घंटे का वक्त लगता है, भविष्य में इस एक्सप्रेसवे को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा सकता है।

गाजियाबाद.कानपुर एक्सप्रेसवे के बारे में जानिए

गाजियाबाद और कानपुर के बीच बनने वाला एक्सप्रेसवे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का मतलब ऐसे एक्सप्रेसवे से है, जो हरे-भरे इलाकों से होकर गुजरता है, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को ग्रीन कॉरिडोर भी कहा जाता है, ये सड़क ऐसी जगह से गुजरती है, जहां पहले से कोई सड़क न हो, इसके लिए किसी बिल्डिंग या सड़क को तोड़ने की जरूरत नहीं होती है, इस एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे। गाजियाबाद से कानपुर तक की यात्रा अब और भी आसान होने वाली है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ग्रीन हाईवे पॉलिसी के तहत एक 380 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई है। यह चार लेन का एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों को जोड़ेगा। इसके अलावा गाजियाबाद से कानपुर तक की दूरी को सिर्फ 3.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है, इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली से कानपुर तक का सफर आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। गाजियाबाद से कानपुर की यात्रा फिलहाल लगभग 7 घंटे 30 मिनट का समय लगता है। लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी घटकर सिर्फ 3.5 घंटे रह जाएगी। नया मार्ग यात्रा में समय की बचत के साथ-साथ ट्रैफिक की समस्याओं को भी हल करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके पूरा होने के बाद, उत्तर प्रदेश में परिवहन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

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380 किलोमीटर दूरी, 5.30 घंटे का सफर 

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इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर तक सफर में समय की बचत होगी, दोनों शहरों के बीच 380 किलोमीटर की दूरी है, इस एक्सप्रेसवे से ये दूरी सिर्फ साढ़े 5 घंटे में पूरी होगी। आपको बता दें कि अभी दोनों शहरों के बीच सफर में 8 घंटे का वक्त लगता हैण् इस एक्सप्रेसवे के बनने से जाम से छुटकारा मिलेगा और सफर में कम समय लगेगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा, जिसका मतलब है कि यह पूरी तरह से नया मार्ग होगा और मौजूदा सड़कों के दबाव को कम करेगा। इस एक्सप्रेसवे की शुरुआती चौड़ाई चार लेन होगी, जिसे भविष्य में छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत औद्योगिक केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस सड़क पर हरियाली को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे यह ग्रीन हाईवे की नीति के अनुरूप होगा। गाजियाबाद और कानपुर के बीच बनने वाला एक्सप्रेसवे 4 लेन का होगा। हालांकि भविष्य में इसके 6 लेन तक विस्तार किया जा सकता है, ये एक्सप्रेसवे भविष्य में  में नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से भी जुड़ सकता है। इस एक्सप्रेसवे से बनने से इस इलाके में कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी। उसका उत्तरी छोर एनएच-9 से जुड़ेगाजबकि दक्षिण छोर कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज और उन्नाव जैसे 9 जिलों को जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से उत्तर प्रदेश में आवागमन और कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा। इस प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश के बहुत से जिलों में क्योंकि बेहतर परिवहन सुविधाएं होंगी। जैसा कि हम जानते हैं कि उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल के अनुसार भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। ऐसे में इस एक्सप्रेसवे से प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी।

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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।