यूपी के इस जिले की हालत ख़राब! 5 मीटर भी नहीं दिख रही सड़क ?

उत्तर प्रदेश: चंदौली में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में दोपहर की चिलचिलाती धूप में भी हालात इतने खराब हैं कि सामने की सड़क तक दिखाई नहीं देती. पूरे इलाके में धूल ही धूल फैला हुआ है लोग सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं और बीमार पड़ रहे हैं.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर समेत आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. वातावरण में धूल इस कदर घुल गई है कि यह धुंध की चादर जैसी दिखती है. पिछले दो हफ्तों से लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, सिरदर्द और खांसी जैसी समस्याएं हो रही हैं. स्थानीय चिकित्सकों ने इसे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं. नगर के विभिन्न हिस्सों में बीमार लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. खासकर बुजुर्ग, बच्चे और अस्थमा मरीजों के लिए यह स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है.

प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है. अभी तक न तो कोई प्रभावी योजना सामने आई है और न ही कोई सख्त कार्रवाई की गई है. पड़ाव से पचपेड़वा तक बनने वाले सिक्स और फोर लेन मार्ग के निर्माण ने समस्या को और भी बढ़ा दिया है. निर्माण स्थल से उड़ती धूल और मिट्टी ने हवा को जहरीला बना दिया है. नगरवासी लगातार इस परेशानी को झेल रहे हैं. सड़क किनारे जमा मिट्टी हवा के हल्के झोंकों से ही उड़ने लगती है, जिससे पूरा इलाका धूल में लिपट जाता है.
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नगर और चंदासी रूट पर चल रहे निर्माण कार्य में जल छिड़काव नहीं किया जा रहा, जिससे स्थिति और गंभीर होती जा रही है. कैलाशपुरी कॉलोनी निवासी श्वेता पाठक ने बताया कि धूल इतनी ज्यादा है कि लोग पैदल चलने से कतराने लगे हैं. सड़क पर चलना एक चुनौती बन गया है. हैरानी की बात यह है कि नगर में ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारी बैठे हैं, लेकिन फिर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य के समय सड़कों पर जमें मिट्टी को हटाने की जिम्मेदारी अधिकारियों ने नहीं निभाई. इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. धूल के कारण लोग बीमार हो रहे हैं और राहगीरों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. नागरिकों की मांग है कि निर्माण कार्य के दौरान नियमित रूप से जल छिड़काव किया जाए और सड़क की सफाई सुनिश्चित की जाए, ताकि इस गंभीर स्थिति से राहत मिल सके.