गंगा ब्रिज से 25 मीटर ऊंची बनेगी यूपी में इस पुल की अप्रोच सड़क
जिलाधिकारी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में निर्माणाधीन बड़ी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। संबंधित विभागीय अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के अभियंताओं को निर्देशित किया कि कार्य में तेजी लाएं और समय से परियोजनाओं को पूर्ण कराएं।
बुनियादी ढांचा मजबूत करने की योजना
मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक की भीड़भाड़ और बुनियादी ढांचे के सुधार जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान पेश करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने शहर के यातायात संकट से निपटने के लिए एक भूमिगत सड़क नेटवर्क की योजनाओं से पर्दा उठाया। शहर में प्रवेश करने वाले हल्के और भारी वाहनों में कमी लाने की मंशा से रिंग रोड नेटवर्क को मजबूत करने का प्रयास है। पौने दो किलोमीटर गंगा पुल की एक लेन मार्च के पहले सप्ताह में शुरू करने का लक्ष्य है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) सेगमेंट लॉन्चिंग कार्य 15 फरवरी तक पूर्ण कर लेगा। इस मुद्दे से परिचित लोगों ने कहा, ष्राज्य सरकार भूमिगत निर्माण के जरिए ट्रैफिक की भीड़भाड़ को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में एक प्रारंभिक कदम इस साल निर्माण होगा जो यातायात की भीड़भाड़ के लिए एक हॉटस्पॉट है। तीन सेगमेंट को पिलर पर रखने का कार्य जारी है, इसके अलावा पुल के दोनों तरफ करीब 1200 मीटर अप्रोच सड़क निर्माण ने भी गति पकड़ी है। यह सड़क जमीन से करीब 25 मीटर ऊंची बनाई जा रही है, क्योंकि पुल से गंगा का जलस्तर इतना ही नीचे है। पुल के हिसाब से संपर्क मार्ग बनाया जा रहा है। यह पुल बनारस के बभनपुरा चिरईगांव से शुरू होकर चंदौली के सुलतानीपुर गांव में समाप्त हो रहा है।
यातायात को कम करने में मदद करेगी
गैमन इंजीनियर्स एंड कांट्रैक्टर प्राइवेट लिमिटेड को कार्यदायी एजेंसी नियुक्त किया गया है। कार्य पूर्ण होते ही रिंड रोड से एक साथ चार नेशनल हाईवे जुड़ जाएंगे। दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया व गाजीपुर समेत अन्य जिलों की तरफ से आने वाले बड़े व छोटे वाहन बिना शहर में दाखिल हुए नेपाल, बिहार, झारखंड, बंगाल व मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आवागमन कर सकेंगे। करीब चार लाख क्यूबिक मीटर फ्लाईएश व मिट्टी गिराई जा चुकी है, जबकि 50 हजार क्यूबिक मीटर की और आवश्यकता है। फरवरी के अंत तक सिक्स लेन संपर्क मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन पुल की दूसरी लेन अगस्त तक चालू की जा सकती है। पुल पर 32 मीटर की दूरी पर प्रकाश के लिए एक पोल लगाया जाएगा। बनारस की ओर 700 मीटर, जबकि चंदौली की तरफ 500 मीटर सड़क बननी है। केवल पुल की लागत करीब साढ़े पांच सौ करोड़ है। दोनों छोर को जोड़ने के लिए अप्रोच सड़क का निर्माण जरूरी है, फ्लाईएश और मिट्टी की भराई का कार्य प्रगति पर है, इसके लिए एनटीपीसी विंध्यनगर और रिहंद थर्मल पावर स्टेशन को फ्लाईएश का मांग पत्र भेजा गया था। दूसरा फेज का दूसरा पैकेज (संदहां से रेवासा) तक 27 किमी. सड़क निर्माण हो चुका है, लेकिन गंगा पुल की वजह से पूरा रिंड रोड नेटवर्क आपस में जुड़ नहीं पा रहा है। रिंग रोड का पहला फेज (हरहुआ से संदहां तक) और दूसरा फेज का पहला पैकेज (राजातालाब से हरहुआ तक) पर वाहनों की आवाजाही हो रही है।