यूपी के इस जिले में 6 लेन हाईवे, 2 Expressway और इन रिंग रोड से बदलेगी शहर की तस्वीर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार राज्य की छवि एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में बना रही है। उनके कार्यकाल में आलीशान सड़कें, एक्सप्रेस.वे और फ्लाईओवर के तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों के काम के कारण उन्हें मोदी सरकार का विकास पुरुष भी कहा जाता है।
उम्मीदों का एक्सप्रेस-वे, जानिए इसके फायदे
केंद्र की मोदी सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय संभाल रहे गडकरी अक्सर कहते हैं कि पहले अमेरिकी सड़कें अच्छी नहीं हैं, क्योंकि पहले अमेरिका समृद्ध नही था। लेकिन अब अमेरिका समृद्ध है, क्योंकि अब अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं। इसी तर्ज पर वे देशभर में हाइ.वे, एक्सप्रेस.वे, फ्लाईओवर, अंडरपास और सुरंगों का जाल बिछा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के इस जिले को एक साथ कई सौगात दी गई है। इन परियोजनाओं से शहर की किस्मत पूरी तरह से बदल जाएगी। क्योंकि शहर में 6 लेन हाईवे का निर्माण किया जाएगा व दो एक्सप्रेसवे और रिंग रोड भी बनाई जाएगी। जिससे क्षेत्र के आर्थिक ढांचे को काफी मजबूती मिलेगी। इतना ही नहीं लोगों का सफर भी सहूलियत भरा होगा। एनएचएआइ ग्वालियर खंड द्वारा 4200 करोड़ रुपये से ग्वालियर एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है। 88 किमी लंबे एक्सप्रेसवे से आगरा से ग्वालियर पहुंचने में महज डेढ़ घंटे का समय लगेगा। इसकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। यह एक्सप्रेसवे तीन तहसीलों सदर, खेरागढ़ और फतेहाबाद से होकर गुजरेगा। इसके लिए 450 किसानों की 165 हेक्टेयर भूमि की खरीद की जाएगी। एनएचएआइ आगरा खंड की टीम मार्च से खंदौली-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू करेगी। 3500 करोड़ रुपये से बनने वाले प्रस्तावित एक्सप्रेस वे दो साल में बनकर तैयार होगा। चार लेन के एक्सप्रेस वे के माध्यम से खंदौली से अलीगढ़ तक की दूरी महज एक घंटे में पूरी की जा सकेगी। इसके लिए अब तक 23 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।
बदल डाली देश में सड़कों की दशा
प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का विकसित भारत का सपना और लगातार तीसरी बार सड़क एवं राजमार्ग मंत्री बने नितिन गडकरी की कार्यकुशलता से सपना साकार हो सकता है। मोदी राजमार्ग जलमार्ग जैसे बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को विकास का इंजन बता चुके हैं। मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में ही बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत खर्च के लिए लाख करोड़ का आवंटन रखा है। जिस तरह से मोदी और गडकरी दूरगामी सोच के साथ काम कर रहे हैं और इस कॉरिडोर में भाजपा को समर्थन मिला है। यमुना एक्सप्रेसवे को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए तीन चरण में इनर रिंग रोड बनाई जा रही है। इसके दो चरण बनकर तैयार हो चुके हैं। इसका आठ किमी लंबे मार्ग का तीसरा चरण 31 मई को बनकर तैयार हो जाएगा। इससे देवरी रोड पर वाहनों का दबाव कम होगा। एनएचएआइ आगरा खंड के परियोजना निदेशक संजय वर्मा ने बताया कि किसानों के विरोध के चलते इनर रिंग रोड के तीसरे चरण में दो माह की देरी होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आगरा खंड (एनएचएआइ) ने डेढ़ साल पूर्व 383 करोड़ रुपये से उत्तरी बाइपास का निर्माण शुरू किया था। यह बाइपास नेशनल हाईवे-19 स्थित रैपुरा जाट से मिडावली हाथरस तक बन रहा है। इसे यमुना एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। बाइपास बनने से हाथरस, अलीगढ़ की ओर जाने वाले वाहन चालकों को काफी आसानी रहेगी। छह लेन का बाइपास 31 मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा।