यूपी में इस रूट पर पुल को मंज़ूरी, राह होगी आसान

यूपी में इस रूट पर पुल को मंज़ूरी, राह होगी आसान
Approval of bridge (1)

उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज में भगदड़ से 30 लोगों की हुई मौत के बाद योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ को कंट्रोल करने के लिए प्रयास तेज कर दिए। सरकार ने फिर से सारे पीपा पुल खोल दिए, जहां से श्रद्धालु आसानी से संगम घाट पहुंचेंगे। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने चार माह की लंबी जद्दो-जहद के बाद आखिरकार महुली में गंगा नदी पर पीपा पुल बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी।

फरवरी के पहले सप्ताह में सभी प्रक्रिया पूरी

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की लापरवाही के कारण जिस पीपा पुल का निर्माण अक्टूबर-नवंबर में होता था, वह इस बार फरवरी में शुरू हो रहा है। इस प्रकार इसके चार माह विलंब होने के कारण अब केवल चार माह ही इस पर लोग आवागमन करेंगे। नियमानुसार जून के बाद यह खुलने लगता है। पांच वर्ष के लिए हुए टेंडर में लगभग 16 करोड़ रुपये लागत आएगा और प्रत्येक वर्ष लगभग 60 पीपा जोड़ा जाएगा। टेंडर की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। फरवरी के पहले सप्ताह में सभी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद 10 फरवरी से पीपा लगाने का कार्य शुरू होने की संभावना है। पीपा पुल चालू होने से रोजाना हजारों लोगों को परिवहन में सुविधा होगी।  गंगा के उस पार खवासपुर समेत यूपी के बलिया छपरा के कई गांवों के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ स्वास्थ्य सेवा और शादी विवाह के समय होता है। इतना ही नहीं, बड़हरा प्रखंड के अंतर्गत खवासपुर पंचायत के 18 गांवों के निवासियों को चार पहिया गाड़ी से अपने ही प्रखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालय आने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। दोपहिया व चार पहिया वाहनों का आवागमन शुरू होने से यूपी और बिहार के कई जिलों के बीच लगभग आठ माह से बंद पड़ा सड़क मार्ग चालू हो जाएगा। पीपा पुल के अभाव में भोजपुर जिला के साथ साथ उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाते हैं।

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टेंडर डालने की प्रक्रिया अंतिम चरण में 

इस आदेश के बाद अब टेंडर डालने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। सब कुछ सही रहा तो 10 फरवरी के आसपास से पीपा पुल को बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। यह कार्य फरवरी के अंत तक पूरा होने के साथ ही इस माह के लास्ट से आवागमन भी शुरू हो जाएगा। इसके शुरू हो जाने से बिहार और यूपी के हजारों लोगों को रोजाना आवागमन में सुविधा होगी। पुल पर आवागमन शुरू होने से कम समय के साथ कम खर्च पर बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ लेने लगते हैं। वहीं पुल होने से अकाल मौत पर भी ब्रेक लग जाता है। आवागमन प्रारंभ होने से कम खर्च पर ही बिहार और यूपी के लोग विवाह समारोह संपन्न करा लेते हैं। गंगा के महुली घाट पर बना पीपा पुल शुरू होते ही यह अगल बगल के गांव में रहने वाले हजारों लोगों के लिए कई मायने में वरदान साबित होने लगता है। यही हाल उत्तर प्रदेश से इन जिलों में आने वाली गाड़ियों की होती है। आरा छपरा पुल होकर उत्तर प्रदेश जाने में यह दूरी करीब 150 किलोमीटर हो जाती है। पुल पर आवागमन बंद होने से अरवल, जहानाबाद या झारखंड से आने वाली गाड़ियों को बक्सर होकर बलिया या सारण जिले के कुछ हिस्सों तक करीब 100 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। 

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