यूपी में 4 फिट ऊंचा बना दिया रामवन गमन पथ, इन 12 गाँव वालों की बढी परेशानी
सरकार ने 13 जनवरी तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया है
उत्तर प्रदेश में स्थित मोहनगंज से लालगोपालगंज तक के राम वन गमन पथ के नवीनीकरण में मानकों की अनदेखी ने स्थानीय ग्रामीणों के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। जलभराव की समस्या और संभावित हादसों को ध्यान में रखते हुए, जिलाधिकारी संजीव रंजन ने एनएचएआई के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस टेढ़े रास्ते को सुधारने का निर्देश दिया है। इस बीच, लोक निर्माण विभाग ने जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक उपायों की योजना बनाई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और भी बढ़ सकती है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होगी।
महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रयागराज और अयोध्या के साथ-साथ लखनऊ-प्रयागराज राजमार्गों से जुड़े संपर्क रूटो के नवीनीकरण का काम जोर-शोर से चल रहा है। सरकार ने 13 जनवरी तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया है। इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत, लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग से जुड़ने वाले मोहनगंज से लालगोपालगंज तक के राम वन गमन मार्ग के चौड़ीकरण की जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपी गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस मार्ग के चौड़ीकरण से यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रा का समय भी घटेगा।लगभग एक महीने पूर्व, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सड़क के चौड़ीकरण और नवीनीकरण का कार्य शुरू किया है। इस कार्य के चलते सड़क की ऊँचाई लगभग 3 से 4 फीट बढ़ गई है, जिसका सीधा असर लगभग 12 गांवों पर पड़ा है। जल निकासी की व्यवस्था में बाधा आने के कारण बस्ती में गंदा पानी पहुंच जा रहा है। यदि वर्तमान स्थिति यही रही, तो बारिश के मौसम में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। स्थानीय निवासियों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें चिंता है कि अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
स्थानीय निवासियों की लगातार शिकायतों के मद्देनजर, जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को जल निकासी की उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के तुरंत बाद, लोक निर्माण विभाग ने कुंडा-जेठवारा रूट पर स्थित आबादी के बीच एक वैकल्पिक नाली की व्यवस्था की है। इस नई नाली के निर्माण से उम्मीद है कि जलभराव की समस्या में कमी आएगी और निवासियों को राहत मिलेगी।
हालांकि, रूट की ऊंचाई अधिक होने के कारण पानी आबादी के क्षेत्र में भर जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, जिलाधिकारी संजीव रंजन ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को एक पत्र लिखकर सड़क की मरम्मत करने का निर्देश दिया है। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एसके गौतम ने जानकारी दी कि "कुंडा-जेठवारा रूट पर जल निकासी की समस्या उत्पन्न हो रही है, क्योंकि मार्ग की ऊंचाई 3 से 4 फीट है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को जल्द ही हल करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।