यूपी में इस जगह बन रहा रेलवे ओवरब्रिज, खर्च होंगे 700 करोड़ रुपए
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उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार की सुबह गोरखपुर में हावर्ट बांध पर बन रही फोरलेन सड़क का स्थलीय जांच किया और इसे शहर के लिए बाढ़ सुरक्षा और ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने की दिशा में एक अहम पहल बताया. सीएम ने बहरामपुर रेगुलेटर नंबर-1 के पास चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया और फोरलेन परियोजना की ड्रॉइंग व कार्य प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की.
मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद लोक निर्माण विभाग और अन्य कार्यदायी एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए कि निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण किया जाए और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही या समझौता न किया जाए. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गोरखपुर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यह चारों ओर से जल स्रोतों से घिरा हुआ है:- रामगढ़ताल, चिलुआताल, राप्ती और रोहिन जैसी नदियाँ इस शहर को घेरे रहती हैं. 2017-18 में जब राप्ती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था, तब हावर्ट बांध की रक्षा के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. उसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए अब इस आधुनिक फोरलेन कॉरिडोर को तैयार किया जा रहा है, जो न सिर्फ शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि यातायात की दृष्टि से भी लाभदायक साबित होगा.
यह फोरलेन सड़क परियोजना राजघाट से शुरू होकर डोमिनगढ़, माधोपुर तटबंध होते हुए महेसरा तक विस्तृत होगी. परियोजना के तहत डोमिनगढ़ में एक आधुनिक रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का भी निर्माण किया जा रहा है, जिससे यातायात और सुगम होगा. इस पूरी मेगा प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत खर्च कर रही है. राजघाट से डोमिनगढ़ तक 4 किलोमीटर लंबे खंड पर लगभग 195 करोड़ रुपये, डोमिनगढ़ से महेसरा तक के 10 किलोमीटर खंड पर 380 करोड़ रुपये और आरओबी निर्माण पर 132 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है.
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निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ नगर निगम के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, गोरखपुर के विधायक विपिन सिंह, प्रमुख सचिव अजय चौहान, भाजपा नेता रमाकांत निषाद, देवेश श्रीवास्तव, राजेश गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे. सभी ने परियोजना की अहमियत पर जोर दिया और इसे गोरखपुर की दीर्घकालिक योजना के तहत एक मजबूत आधारशिला करार दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस फोरलेन सड़क के तैयार हो जाने से गोरखपुर शहर से होकर सोनौली की ओर जाने वाले यात्री अब शहर के बीचों-बीच नहीं गुजरेंगे, जिससे उन्हें समय की बचत होगी और शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा. भारी मालवाहक ट्रकों के लिए भी यह एक वैकल्पिक और सुविधाजनक मार्ग उपलब्ध कराएगा, जिससे साहबगंज मंडी, टीपीनगर जैसे अतिव्यस्त व्यापारिक क्षेत्रों में यातायात का बोझ हल्का होगा. इससे आम नागरिकों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी और परिवहन प्रणाली अधिक व्यवस्थित होगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि जिन लोगों को इस निर्माण कार्य के दौरान अस्थायी रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, उन्हें सरकार की ओर से उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा. उन्होंने संवेदनशीलता के साथ कहा कि विकास कार्यों में जनसहभागिता और जनसम्मान दोनों अनिवार्य हैं, और सरकार इसका पूरा ध्यान रखेगी.
इसके अतिरिक्त, उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देशित किया कि मानसून से पूर्व सभी रेगुलेटरों की गहन सफाई सुनिश्चित की जाए, ताकि बरसात के मौसम में शहर के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो. यह निर्देश विशेष रूप से गोरखपुर के भौगोलिक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, जहां थोड़ी सी लापरवाही शहर को भारी मुसीबत में डाल सकती है. गोरखपुर जैसे उभरते शहर के लिए यह फोरलेन परियोजना न केवल यातायात व्यवस्था को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि आने वाले वर्षों में इसे एक सुरक्षित, सशक्त और स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.