यूपी में आएगा जनसंख्या नियंत्रण कानून? विधि आयोग जल्द ही सौंपेगा रिपोर्ट

यूपी में आएगा जनसंख्या नियंत्रण कानून? विधि आयोग जल्द ही सौंपेगा रिपोर्ट
uttar pradesh

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. राज्य विधि आयोग ने प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. आयोग अभी राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है. जल्द वह अपना प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेगा.

सूबे में बीते चार वर्षो में उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम व उप्र लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम समेत कई नए कानून लागू किए गए हैं, जबकि कई अहम कानूनों में बदलाव की रूपरेखा भी तैयार की जा चुकी है. इसी कड़ी में विधि आयोग ने अब जनसंख्या नियंत्रण के बड़े मुद्दे पर अपना काम शुरू किया है.

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आयोग के इन प्रतिवेदनों को किया गया मंजूर

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-राज्य विधि आयोग के दो प्रतिवेदन के तहत राज्य सरकार करीब 470 निष्प्रयोज्य व अनुपयोगी अधिनियमों को खत्म कर चुकी है, जबकि कई अन्य को समाप्त करने पर विचार चल रहा है.

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-आयोग की सिफारिश पर उप्र गो-वध निवारण (संशोधन) अधिनियम-2020 बना.

-सूबे में आदर्श किराया नियंत्रण व बेदखली को लेकर अध्यादेश लागू हुआ.

-राज्य में किन्नर समुदाय के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक उत्थान, कृषि तथा संपत्ति में उत्तराधिकार को लेकर उप्र राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2020 बनाया गया.

-उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून बना.

-प्रदेश में महिलाओं से चेन, पर्स, मोबाइल व अन्य आभूषण लूटने की घटनाओं पर प्रतिबंध के लिए कड़ी सजा के प्रस्ताव को मानकर राज्य सरकार ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा.

-उप्र लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली को लेकर कानून लागू.

-उप्र शहरी भवन किरायेदारी विनियमन के लिए अध्यादेश लागू.

इन प्रस्तावों पर चल रहा विचार
-असामाजिक तत्वों व संगठित समूहों द्वारा शासकीय व अशासकीय भूमि पर अवैध कब्जे रोकने का प्रस्ताव.

-उन्मादी हिंसा रोकने के लिए अलग कानून बनाने का प्रतिवेदन.

-निर्विवाद उत्तराधिकार के लिए कानून बनाकर प्रकरणों को सरल प्रक्रिया के तहत व जल्द निस्तारण के लिए कानून बनाने की सिफारिश.

-माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण के लिए कानून.

-पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीशों को दांडिक मामलों के विचारण की शक्ति प्रदान किए जाने का प्रस्ताव.

-उप्र नगरीय परिसर किरायेदार विनियमन अध्यादेश के प्रतिस्थानी विधेयक का प्रस्ताव.

-सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक ढांचा विनियमन व धार्मिक प्रयोजन के लिए सार्वजनिक स्थानों के प्रयोग को प्रतिबंधित करने का प्रतिवेदन.

-विवाह के अनिवार्य पंजीकरण का प्रतिवेदन.

-उप्र सार्वजनिक द्यूत (निवारण) विधेयक का प्रारूप.

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