1500 करोड़ रुपए से यूपी में NHAI करेगा यह काम, हाईवे में मिलेंगी अब यह भी सुविधा
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यूपी में हाईवे के लिए करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। बजट में ग्रामीण सड़कों पर खास फोकस दिखा।राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि सड़कों को दिए गए बजट में वर्ष 2047 का विजन साफ झलक रहा है। राज्य सरकार की संस्तुति पर 50 से ज्यादा राज्य मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिया गया है।
मंजिल से ज्यादा सुहावनी होंगी राहें
खुलने वाले हैं नए हाईटेक एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे (जो राज्य के 12 जिलों को पार करता है) और 91 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद यूपी में नौ एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे होंगे। यूपी में एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,900 किलोमीटर से अधिक होगी। कानपुर, बरेली, बाराबंकी, बहराइच, आगरा, अलीगढ़ और गोरखपुर सहित कई जिले इन परियोजनाओं से लाभान्वित होंगे, जो वर्तमान में चल रही राजमार्गों और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के अतिरिक्त होंगी। 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे, जिसे महाकुंभ आयोजन तक पूरा होने की उम्मीद थी, अब मार्च-अप्रैल 2025 तक चालू होने की संभावना है। 36,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस मेगा परियोजना का विकास यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईडीए) द्वारा किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इनमें से कुछ परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार है, जबकि अन्य की बोली प्रक्रिया पूरी होने के विभिन्न चरणों में है। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाओं के लिए परिव्यय 15,500 करोड़ रुपये है। इस बीच, एनएचएआई द्वारा निर्मित किया जा रहा बहुप्रतीक्षित लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे जुलाई 2025 तक पूरा हो जाएगा। यह औद्योगिक शहर कानपुर और राज्य की राजधानी लखनऊ के बीच निर्बाध संपर्क प्रदान करेगा - ये दोनों शहर प्रमुख यातायात भीड़भाड़ का सामना कर रहे हैं।