Vande Bharart Train से सफर कर रहे थे नगीना सांसद चंद्रशेखर, तभी शीशे पर बाहर से मारा पत्थर, सामने आई तस्वीर
Nagina Cahndra Shekhar News:
Nagina Cahndra Shekhar News: उत्तर प्रदेश स्थित नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद जिस वंदे भारत से सफर कर रहे थे उसी पर कुछ लोगों ने पत्थर मार दिया. इसकी जानकारी सांसद ने खुद दी. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता दिल्ली से कानपुर यात्रा कर रहे थे. इसी दौरान कुछ लोगों ने पत्थर मार दिया. इसका पूरा वाकया उन्होंने खुद शेयर किय है.
नगीना सांसद ने लिखा- आज सुबह मैं वंदे भारत ट्रेन से दिल्ली से कानपुर की यात्रा कर रहा था. सुबह लगभग 7:12 बजे ट्रेन ने जैसे ही बुलंदशहर जिले के कमालपुर स्टेशन को पार किया, तभी बाहर से किसी असामाजिक तत्व ने पत्थर फेंके, जिससे मेरे से दो सीट आगे बैठे यात्री के पास का शीशा चकनाचूर हो गया. इस घटना से मैं हतप्रभ और स्तब्ध रह गया. इस घटना से न केवल सरकारी संपत्ति को क्षति पहुँची, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हुआ है. ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं और किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकतीं है.चंद्रशेखर ने लिखा- एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में ऐसी घटनाओं का आंकड़ा 1503 तक पहुँच गया, जिससे रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. यह आंकड़ा सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर इस तरह की घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं. ट्रेन पर पथराव से न केवल संपत्ति को क्षति होती है, बल्कि यह यात्रियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.
उन्होंने लिखा- यह समझने की आवश्यकता है कि रेलवे देश की एक अमूल्य संपत्ति है और इसका संरक्षण देश के हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है. समाज में इस तरह की हरकतें न केवल असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं बल्कि हमारे देश की छवि को भी नुकसान पहुँचाती हैं. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री जी, रेलवे पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, साथ ही समाज में जागरूकता भी फैलानी चाहिए.
सांसद ने लिखा- मेरा निवेदन है कि परिवार में माता-पिता और स्कूलों में अध्यापकों द्वारा बच्चों को इस विषय पर जागरूक करना आवश्यक है. इससे न केवल ऐसी घटनाएं कम होंगी, बल्कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो पाएगी. हम सभी को एक जागरूक नागरिक बनना चाहिए. यह देश हमारा है, और देश की संपत्ति की सुरक्षा केवल सरकार की ही नहीं बल्कि हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी और संवैधानिक मूल कर्तव्य है.