लखनऊ में 28 KM ग्रीन कॉरिडोर का काम रुका, मंदिर प्रबंधन ने बदल दिया पूरा प्लान

चौराहे की रिडिजाइनिंग अटकी
स्मृति वाटिका चौराहे की नई डिजाइन तैयार की गई थी, परंतु इसमें मंदिर का लगभग 5 मीटर का हिस्सा आ रहा है. इसमें गोमती किनारे जाने वाली सीढ़ियाँ और नीचे बने कमरे शामिल हैं. जबकि मंदिर का बाकी हिस्सों को छुआ भी नहीं जाएगा. चौड़ाई बढ़ाने के लिए जमीन की आवश्यकता है, लेकिन अब मंदिर प्रबंधन विरोध कर रहा है, जिससे पूरा कार्य बाधित हो गया है.
जून में मिलनी थी राहत, सितंबर खत्म फिर भी काम अधूरा
इसी साल 8 अप्रैल को तत्कालीन डीएम विशाख जी ने निरीक्षण के दौरान दावा किया था कि जून तक काम पूरा कर लिया जाएगा और जुलाई से ग्रीन कॉरिडोर चालू हो जाएगा. परंतु अब सितंबर का महीना समाप्त हो चुका है और काम अब भी ठप पड़ा है. हालात देखकर लगता है कि नए साल तक भी इस रूट पर वाहनों का संचालन मुश्किल होगा.
बाकी हिस्सों का काम लगभग पूरा
ग्रीन कॉरिडोर का पहला फेज आईआईएम रोड से पक्का पुल (7 किमी) तक पूरा कर लिया गया है. दूसरा फेज पक्का पुल से पिपराघाट (9 किमी), तीसरा फेज पिपराघाट से शहीद पथ (6 किमी) और चौथा फेज शहीद पथ से किसान पथ (6 किमी) तक बनाया जा रहा है.
अधिकारियों का दावा, जल्द मिलेगी सुविधा
अधिकारियों के अनुसार, समतामूलक चौक से निशातगंज तक का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब फिनिशिंग का कार्य चल रहा है. प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने इस विषय पर जानकारी दी है कि मंदिर प्रबंधन से बातचीत का समाधान निकलते ही काम फिर शुरू होगा. मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा ने बताया कि निशातगंज से हनुमान सेतु वाला हिस्सा इस साल के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा. उनका दावा है कि नए साल में इस रूट पर ट्रैफिक शुरू कर दिया जाएगा.
शहरवासियों की उम्मीदें
लखनऊ के लोगों को इस ग्रीन कॉरिडोर से काफी उम्मीदें हैं. 28 किलोमीटर लंबा यह फोरलेन कॉरिडोर गोमती नदी के किनारे बनाया जा रहा है. इससे ट्रैफिक दबाव कम होने के साथ-साथ शहर के अलग-अलग हिस्सों को तेज रफ्तार से जोड़ेगा. हालांकि मंदिर विवाद के कारण वर्तमान में यह कार्य मुश्किल है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।