लखनऊ-कानपुर हाईवे पर मिलेगी रफ़्तार, बनेंगे फ्लाइओवर

लखनऊ-कानपुर हाईवे पर मिलेगी रफ़्तार, बनेंगे फ्लाइओवर
लखनऊ-कानपुर हाईवे पर मिलेगी रफ़्तार, बनेंगे फ्लाइओवर

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित लखनऊ-कानपुर हाईवे लंबे समय से तेज रफ्तार और लगातार हो रहे हादसों के लिए चर्चा में रहा है. रोजाना हजारों वाहन इस सड़क से गुजरते हैं, लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां जरा-सी चूक जानलेवा साबित हो जाती है. इन्हीं खतरनाक जगहों को सुरक्षित बनाने के लिए अब ठोस कदम उठाने की तैयारी की जा रही है. आने वाले महीनों में इस हाईवे पर बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है.

हादसों ने बढ़ाई चिंता

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की ओर से कराए गए सर्वे में लखनऊ-कानपुर हाईवे पर 5 ऐसे स्थान सामने आए, जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. इन इलाकों में आशाखेड़ा, नवाबगंज, त्रिभुवन खेड़ा, चमरौली और दही चौकी को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है. इन जगहों पर पिछले कुछ वर्षों में कई गंभीर हादसे हुए, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ी.

तीन साल में दर्जनों हादसे

आंकड़ों के मुताबिक साल 2022, 2023 और 2024 के दौरान नवाबगंज, दही चौकी और त्रिभुवन खेड़ा क्षेत्र में करीब 35 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं. इन हादसों में लगभग 22 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए. वहीं आशाखेड़ा और चमरौली जैसे इलाकों में भी हालात चिंताजनक रहे, जहां करीब 20 से अधिक हादसों में लगभग 15 लोगों की जान चली गई.

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अब बदलेगा हाईवे का ढांचा

लगातार बढ़ते हादसों को ध्यान में रखते हुए एनएचएआई ने इन ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए नई कार्ययोजना तैयार की है. इसके अंतर्गत कुछ जगहों पर फ्लाईओवर, एक स्थान पर अंडरपास और दो इलाकों में सर्विस लेन बनाई जाएंगी. स्थानीय एनएचएआई कार्यालय ने पूरी योजना तैयार कर दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेज दी है. उम्मीद है कि इसी वित्तीय वर्ष में इसे मंजूरी मिल जाएगी और अप्रैल से काम शुरू हो जाएगा.

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कहां बनेगा क्या

नई योजना के अनुसार नवाबगंज और दही चौकी में फ्लाईओवर बनाए जाएंगे. वहीं त्रिभुवन खेड़ा में व्हीकल अंडरपास का निर्माण होगा. आशाखेड़ा और चमरौली जैसे हादसों के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में सड़क के दोनों ओर सर्विस लेन को चौड़ा किया जाएगा, जिससे वाहनों की आवाजाही सुरक्षित हो सके.

पुरानी योजना में किया गया बदलाव

पहले इन स्थानों पर फ्लाईओवर और फुटओवर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन दोबारा सर्वे के बाद डिजाइन में बदलाव किया गया. त्रिभुवन खेड़ा में पहले फ्लाईओवर प्रस्तावित था, जिसे अब अंडरपास में बदला गया है. इसी तरह चमरौली और आशाखेड़ा में पहले फुटओवर ब्रिज की योजना थी, जिसे अब सर्विस लेन में बदल दिया गया है.

फ्लाईओवर और अंडरपास का पूरा खाका

दही चौकी में बनने वाला फ्लाईओवर करीब 1.5 किलोमीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा होगा. यह 2 लेन का होगा, जिससे वाहनों को हाईवे पार करने में आसानी होगी. नवाबगंज में प्रस्तावित फ्लाईओवर 600 मीटर लंबा होगा और इसकी चौड़ाई भी 12 मीटर रखी जाएगी. इन दोनों फ्लाईओवर के बनने से ट्रैफिक जाम और टकराव की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है.

सर्विस लेन से मिलेगा बड़ा फायदा

त्रिभुवन खेड़ा में निर्मित होने वाला 300 मीटर लंबा 2 लेन का अंडरपास दोनों ओर के वाहनों के लिए सुरक्षित रास्ता देगा. वहीं चमरौली में दोनों तरफ 500-500 मीटर तक सर्विस लेन बनाई जाएगी. आशाखेड़ा में कानपुर की ओर से आने वाले मार्ग पर 600 मीटर लंबी सर्विस रोड तैयार की जाएगी. इससे वाहनों को मोड़ने और हाईवे पर चढ़ने-उतरने में आसानी होगी और हादसों की आशंका कम होगी.

एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार इस पूरी योजना को इसी वित्तीय वर्ष में मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है. अगर सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुसार चला, तो अप्रैल से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इन सुधार कार्यों के पूरा होने के बाद लखनऊ-कानपुर हाईवे पर सफर न सिर्फ आसान होगा, बल्कि सड़क हादसों पर भी काफी हद तक रोक लग सकेगी.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।