यूपी में यमुना की तलहटी पर शुरू हुआ मेट्रो पुल का काम, 200 करोड़ होंगे खर्च
नदी की तलहटी में शुरू हुई पाइलिंग प्रक्रिया
यमुना नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने पुल निर्माण का काम फिर से शुरू कर दिया है. नदी की तलहटी में मजबूत आधार तैयार करने के लिए पाइलिंग का कार्य चल रहा है. इसके लिए भारी क्षमता वाली रिग मशीन लगाई गई है, जिससे जमीन के अंदर गहराई तक खुदाई की जा रही है. बुधवार को पाइलिंग के लिए जाल बिछाने की प्रक्रिया पूरी की गई.
जल्द लगेगा पहला पिलर, काम में आएगी तेजी
अधिकारियों के मुताबिक पाइलिंग पूरी होने के बाद एक महीने के भीतर पहला पिलर तैयार हो जाएगा. पुल निर्माण की गति बढ़ाने के लिए जल्द ही दूसरी रिग मशीन भी मौके पर लगाई जाएगी. इससे काम एक साथ कई स्थानों पर किया जा सकेगा और समय की बचत होगी.
तकनीक पर खास ध्यान, सुरक्षा होगी मजबूत
यूपीएमआरसी इस पुल का निर्माण आधुनिक सिंगल पियर तकनीक से कर रही है. पुल के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए गर्डर का इस्तेमाल होगा, जिन्हें प्री-कास्ट तकनीक से तैयार किया जाएगा. इससे न केवल निर्माण कार्य तेज होगा, बल्कि पुल की मजबूती और सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी.
चार महीने ठप रहा काम, अब फिर मिली गति
यमुना नदी में जलस्तर अधिक होने के कारण बीते 4 महीनों तक पुल निर्माण का काम रुका रहा था. करीब 2 हफ्ते पहले जैसे ही हालात अनुकूल हुए, यूपीएमआरसी की टीम ने दोबारा काम शुरू कर दिया. वर्तमान में पाइलिंग का कार्य प्राथमिकता पर किया जा रहा है.
संयुक्त महाप्रबंधक (जनसंपर्क) पंचानन मिश्र के अनुसार, मेट्रो पुल का निर्माण तय समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पुल बनकर तैयार होने के बाद आगरा में मेट्रो नेटवर्क को नई मजबूती मिलेगी और यात्रियों को यमुना पार करने में तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी.
आगरा में मेट्रो परियोजना के अंतर्गत आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक दूसरा मेट्रो कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 16 किलोमीटर होगी. इस कॉरिडोर में वाटरवर्क्स को रामबाग से जोड़ने के लिए यमुना नदी पर एक विशेष मेट्रो पुल का निर्माण किया जाएगा. पुल में कुल 6 पिलर लगाए जाएंगे और अधिकारियों के अनुसार एक महीने के भीतर पहला पिलर तैयार होने की संभावना है. पूरे पुल निर्माण कार्य को लगभग 1.5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि इस परियोजना पर करीब 200 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।