CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट: लखनऊ में 42 करोड़ की लागत से बनेगा संस्कृत निदेशालय

CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट: लखनऊ में 42 करोड़ की लागत से बनेगा संस्कृत निदेशालय
CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट: लखनऊ में 42 करोड़ की लागत से बनेगा संस्कृत निदेशालय

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित लखनऊ में संस्कृत शिक्षा से जुड़ा बड़ा फैसला लिया गया है. अब संस्कृत निदेशालय और परिषद कार्यालय कैसरबाग स्थित कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन (सीटीई) परिसर में नहीं बनेगा. दरअसल, वहां मेट्रो के दूसरे चरण का काम शुरू होने की मंजूरी मिल चुकी है, जिसके चलते निर्माण की योजना बदलनी पड़ी. अब माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नया स्थान निशातगंज जीआईसी के पीछे की खाली जमीन को इसके लिए तय किया है. इस संशोधित प्रस्ताव को सरकार की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है.

संस्कृत शिक्षा को नया केंद्र मिलने की तैयारी

प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को और मजबूत करने के लिए राजधानी में संस्कृत निदेशालय और परिषद का नया भवन बनना तय हुआ था. वर्तमान में, निदेशालय प्रयागराज में संचालित है, जबकि परिषद का लखनऊ स्थित पुराना भवन जर्जर हो चुका है. इस वजह से उसकी जमीन को पहले केजीएमयू को देने का निर्णय लिया गया था, जिससे नई इमारत कहीं और बनाई जा सके.

मेट्रो परियोजना बनी वजह, बदली योजना

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस परियोजना के लिए पहली किस्त का बजट जारी कर दिया था और निर्माण एजेंसी भी नामित कर दी गई थी. लेकिन तभी मेट्रो के दूसरे चरण के निर्माण को हरी झंडी मिल गई. इस योजना के अंतर्गत सीटीई परिसर का एक हिस्सा मेट्रो स्टेशन के लिए उपयोग में लाया जाना है, जिससे वहां भवन निर्माण असंभव हो गया.

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योगी सरकार का संस्कृत के प्रति समर्पण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह परियोजना लंबे समय से उनके महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है. सीएम ने स्वयं भवन की डिजाइन को अंतिम रूप देते हुए निर्देश दिए थे कि यह भवन पारंपरिक भारतीय स्थापत्य कला में बनाया जाए, जिससे यह संस्कृत और भारतीय संस्कृति दोनों का प्रतीक बने.

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निशातगंज में बनेगा चार मंजिला संस्कृत निदेशालय भवन

काफी विचार-विमर्श और सर्वेक्षण के बाद विभाग ने निशातगंज जीआईसी परिसर के पीछे की जमीन पर नया संस्कृत निदेशालय और परिषद भवन बनाने का फैसला किया है. यहां की मिट्टी और संरचना की जांच के बाद तैयार प्रस्ताव के अनुसार, यह भवन लगभग ₹42.42 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा.

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यह चार मंजिला (ग्राउंड प्लस तीन) इमारत होगी, जिसे पारंपरिक नागर स्थापत्य शैली में मंदिरनुमा स्वरूप दिया जाएगा. भवन के शीर्ष पर शिखर भी बनाया जाएगा जिससे आने वालों को संस्कृत संस्कृति का एहसास हो.

संस्कृत शिक्षा को नई पहचान देने की दिशा में कदम

सरकार से स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. यह भवन न केवल संस्कृत के प्रचार-प्रसार में सहायक होगा बल्कि प्रदेश के 1200 से ज्यादा संस्कृत कॉलेजों के संचालन और निगरानी को भी आसान बनाएगा. अब जब निशातगंज में संस्कृत निदेशालय और परिषद का नया केंद्र आकार लेगा, तो यह शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा तो देगा ही साथ ही राजधानी में संस्कृत और संस्कृति दोनों में बढ़ोतरी होगी.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।