यूपी के इस जिले में विकास प्राधिकरण में कार्रवाई: 15 इंजीनियर और अधिकारी निलंबित

यूपी के इस जिले में विकास प्राधिकरण में कार्रवाई: 15 इंजीनियर और अधिकारी निलंबित
यूपी के इस जिले में विकास प्राधिकरण में कार्रवाई: 15 इंजीनियर और अधिकारी निलंबित

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित लखनऊ में तेजी से बढ़ते अवैध निर्माणों पर अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के कई अफसरों और इंजीनियरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. बताया जा रहा है कि करीब 15 अधिकारियों और इंजीनियरों को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने सोमवार रात इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं.

सूत्रों के मुताबिक, शहर में हो रहे अनधिकृत निर्माण कार्यों के पीछे एलडीए के कुछ अधिकारी और जोनल इंजीनियरों की मिलीभगत सामने आई है. इनमें कई अफसर हाल ही में ट्रांसफर होकर लखनऊ आए हैं. जांच में पता चला कि ये अधिकारी बिल्डरों और डेवलपर्स से मोटी रकम लेकर निर्माणों को न केवल नजरअंदाज कर रहे थे, बल्कि कई मामलों में खुला समर्थन भी दे रहे थे.

रात में हुई सख्त बैठक, 15 अफसर चिन्हित

मिली शिकायतों के बाद सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे उपाध्यक्ष ने पूरी प्रवर्तन टीम को तलब किया. बैठक में अधिकारियों से सख्त लहजे में जवाब मांगा गया और सभी जोनल रिपोर्टें मंगाई गईं. इसके बाद 15 अफसरों की पहचान कर उनके खिलाफ निलंबन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया. बताया गया कि इन सभी की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी.

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उच्च स्तर के अफसर भी घेरे में

इस कार्रवाई की आंच अब ऊपरी स्तर के कुछ पीसीएस अधिकारियों तक पहुंच सकती है. उपाध्यक्ष ने उन जोनल अधिकारियों और वरिष्ठ अफसरों के नाम भी सामने रखे जिन पर लंबे समय से शिकायतों को दबाने और अवैध निर्माणों को संरक्षण देने के आरोप लगे हैं.

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तीन अफसरों को सौंपी गई विशेष जिम्मेदारी

अवैध निर्माणों पर सख्त निगरानी के लिए अब एलडीए में नई व्यवस्था लागू की गई है. उपाध्यक्ष ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है:- 

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  • सचिव विवेक श्रीवास्तव को जोन 1 और 2 की निगरानी
  • अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा को जोन 5, 6 और 7 की जिम्मेदारी
  • अपर सचिव सी.पी. त्रिपाठी को जोन 3 और 4 की जांच सौंपी गई है

10 नवंबर तक मांगी गई रिपोर्ट

सभी नामित अधिकारियों को 10 नवंबर तक अपनी जांच रिपोर्ट और स्थलीय फोटोग्राफ के साथ प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.

कई बिंदुओं पर होगी विस्तृत जांच

ये अधिकारी अब अवैध प्लॉटिंग, रो-हाउस, व्यावसायिक निर्माण, बिना अनुमति के बनाए गए बेसमेंट और आवासीय भूखंडों पर चल रही व्यावसायिक गतिविधियों की जांच करेंगे. साथ ही पहले से सील की गई इमारतों की वर्तमान स्थिति और फील्ड कर्मचारियों की भूमिका पर भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।