यूपी के सभी जिलो में बढ़ेंगे जमीनों के दाम, किसानों के लिए योगी सरकार उठाएगी यह कदम
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यूपी सरकार अब काले धन पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा निर्णय लिया है. सरकार का उद्देश्य बाजार मूल्य और सरकारी दरों में संतुलन बनाना अनिवार्य है जिसको लेकर पारदर्शिता बढ़े और राजस्व विभाग में वृद्धि हो सके. यह नियम यूपी के पूरे जिले में लागू होने वाला है.
यूपी में कालाबाजारी पर लगा ताला
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए और किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न प्रकार के मास्टर प्लान अधिकारियों के साथ बैठकर तैयार कर रही है सरकार ने उन सभी 75 जिलों में जमीन का सर्किल रेट बढ़ाने की पूरी कोशिश कर ली है. अब अगले दो से तीन महीना के भीतर सर्किल रेट बढ़ने के फैसले पर अंतिम मोहर सरकार द्वारा लगाई जाएगी हालांकि स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस संबंध में जिलों से प्रस्ताव तैयार करने को कहा है
लेकिन अब इसका बड़ा फायदा ग्रामीण के साथ-साथ शहर वासियों को भी मिलेगा इस दौरान जिनकी जमीन या मकान सड़क चौड़ीकरण के लिए अधिकृत किए जाते हैं वहीं राजस्व में भी कम से कम 20 फ़ीसदी बढ़ोतरी के अनुमान लगाई जा रहे है. संपत्ति विवरण अवकाश आवेदन सेवा पुस्तिका समेत कई प्रक्रियाएं अब हाईटेक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से निगरानी की जाएगी. सरकार ने जनता को बताया इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, भ्रष्टाचार मुक्त होगा और कार्य प्रणाली में अधिक दक्ष बनेगी.
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यूपी सरकार द्वारा किसानों के लिए बड़ी राहत
यूपी सरकार ने बताया किसानों को अधिग्रहण के एवज में चार गुना मुआवजा मिलता है अब शहर गांव क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए ज्यादा मुआवजा मिलेगा इसके लिए सरकार प्रयासरत है विभाग द्वारा बताया गया भू स्वामियों और मकान मालिकों सड़क चौड़ीकरण के दौरान अधिकृत की जाने वाली जमीन शहरों में मुआवजा राशि सर्किल रेट की दुगनी है इसके अलावा सही कीमत और सर्किल रेट के बीच अंतर घटने से काले धन की खपत पर ब्रेक लगेगा.
पिछले 10 वर्षों से स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग यूपी स्टांप निबंधन से प्राप्त आय सर्किल रेट बढ़ाए बिना लगभग तीन गुना की जा चुकी है. इससे सरकार को सर्किल रेट बढ़ने से स्टंप से मिलने वाले राजस्व में 20 फ़ीसदी की वृद्धि का आशंका जताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2024-25 में स्टांप से सरकार को लगभग 38000 करोड रुपए की आय मिली थी. खास बात तो यह है या निर्णय के प्रभावी होने से 45000 करोड़ रुपए में बदल सकती है. अगर किसानों के हित के साथ-साथ सरकार की बात करें तो सरकार का खजाना भी भरेगा.