यूपी में इन गाँव के जमीनों का बढ़ेगा दाम! गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
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एक्सप्रेसवे किनारे विकास का नया रुझान
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एक्सप्रेसवे के जरिए सीधे कनेक्टिविटी करने की तैयारी की जा रही है इसके अलावा एक्सप्रेसवे किनारे कई जिलों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का भी निर्माण किया जा रहा है इस जिले में एक्सप्रेसवे किनारे रेजिडेंशियल हब विकसित किया जाएगा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ लगभग 1000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में औद्योगिक गलियारा विकसित करने की तैयारी है.
जिसकी कमान गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के हाथों में है. अब लिंक एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीन की उपलब्धता तथा शानदार कनेक्टिविटी इस इलाके को इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए बेहतर बनाती है गोरखपुर शहर से भी इसकी कनेक्टिविटी बेहतर है इसीलिए यहां बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है.
गांव के लिए अवसर, लेकिन चुनौतियां भी
अब शानदार रोड कनेक्टिविटी मिलने से लिंक एक्सप्रेसवे का किनारा निवेशक की भी पसंद बना हुआ है इसके अलावा औद्योगिक गलियारा विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. अब इसमें पूरी व्यवस्था में रियल एस्टेट सेक्टर को भी इससे नई गति मिलने की उम्मीद की जा रही है इस इलाके में आवासीय इलाकों की भी जरूरत है.
इसी को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक विकास प्राधिकरण की योजना है कि इस क्षेत्र में स्मार्ट औद्योगिक तथा रेजिडेंशियल हब के रूप में विकसित किया जाए. गीडा ने लिंक एक्सप्रेसवे के पास सहजूपार, चकभोप, सियर, बरउर गांव को औद्योगिक क्षेत्र में शामिल करते हुए नया मास्टर प्लान तैयार करवाया जा रहा है जिसमें करीब करीब 35 एकड़ क्षेत्र आवासीय तथा 100 एकड़ जमीन इंडस्ट्रियल यूनिट्स के लिए प्रभावित है.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।