इंटरसिटी Express का किराया हुआ कम, लखनऊ का ऐसी चेयर कार का लगेगा सिर्फ़ इतने रुपए
Gorakhpur Lucknow Intercity
कोरोना महामारी के बाद इंटरसिटी ट्रेन के किराए में मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया। लेकिन, अभी भी कई सारे ऐसे पैसेंजर्स हैं, जो रेलवे के किराए छूट का फायदा उठा सकते हैं। नए साल 2025 में ट्रेनों में कई तरह का बदलाव होने वाला है।
डिजिटल युग में है यह बहुत आसान
जब कहीं ट्रैवल करने की बात आती है, तो ट्रेन एक ऐसा माध्यम है जिसे सभी वर्ग के लोग पसंद करते हैं, क्योंकि हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए इसमें अलग-अलग कोचों की व्यवस्था होती है, यानी आम हो या खास हर कोई अपने पॉकेट के हिसाब से इसके कोचों का चयन कर सकता है। यही वजह है कि दुनिया का ये चौथे सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क हर दिन करोड़ों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाता है, इतना ही नहीं भारतीय रेलवे, अपने कुछ पैसेंजर्स को ट्रेन टिकट के किराए में कुछ छूट भी देती है। हालांकि आपको बता दें कि कोरोना महामारी के बाद सीनियर सिटीजन को ट्रेन के किराए में मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया। लेकिन, अभी भी कई सारे ऐसे पैसेंजर्स हैं, जो रेलवे के किराए में छूट का फायदा उठा सकते हैं। गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी से लखनऊ तक का सफर सुगम होने के साथ और सस्ता हो गया है। गोरखपुर- लखनऊ इंटरसिटी ही नहीं सुपरफास्ट से एक्सप्रेस बनते ही पूर्वाेत्तर रेलवे की चार ट्रेनों के किराये से सुपरफास्ट चार्ज हट गया है। इन ट्रेनों की सभी श्रेणियों का किराया 12 से 90 रुपये कम हो गया है। रेलवे का राजस्व तो बढ़ रहा था लेकिन यात्रियों को 12 से 75 रुपये अधिक किराया देना पड़ रहा था। इसको लेकर आम यात्रियों में रोष था। अधिक किराये की शिकायत रेलवे बोर्ड तक पहुंच गई थी। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वाेत्तर रेलवे प्रशासन को सुपरफास्ट ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाकर किराया भी घटा दिया है। भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को सुविधा देने के लिए कुछ खास कैटेगरी के तहत डिस्काउंट देती है, इस कैटेगरी में स्टूडेंट्स से लेकर कुछ खास तरह की बीमारी से पीड़ित मरीज शामिल हैं। दिव्यांगजनों को भी रेलवे ट्रेन के टिकट में छूट देती है। भारतीय रेलवे अपने पैसेंजर्स का ख्याल रखते हुए उन यात्रियों को ट्रेन टिकट में काफी रियायत देती है, जो अपनी शारीरिक स्थिति की वजह से बिना किसी और व्यक्ति की सहायता के यात्रा नहीं कर सकते हैं, जैसे दिव्यांग दिमागी रूप से कमजोर और पूरी तरह से दृष्टिबाधित लोग, इन सभी लोगों को जनरल क्लास, स्लीपर और थर्ड के टिकट में 75 फीसदी तक की छूट मिलती है।ट्रेन टिकट पर क्यों हो रहा है ज्यादा खर्च
अगर आप भी अक्सर यात्रा करने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं और जानना चाहते हैं कि आपको किसी कैटेगरी के तहत छूट मिलेगी या नहीं तो ज्यादा जानकारी के लिए आप रेलवे ऑफशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं। यहां आपको पूरी जानकारी डिटेल में मिल जाएगी। एक्सप्रेस बनने के साथ ही ट्रेनों का नंबर भी बदल गया है। नए नंबर से चल रही इंटरसिटी के एसी चेयरकार का किराया भी 50 रुपये कम हो गया है। गोरखपुर से लखनऊ तक का किराया 475 की जगह अब 425 रुपये लगने लगा है। जनरल चेयरकार (टू एस) का किराया भी 132 से घटकर 120 हो गया है। इसी तरह गोरखपुर के रास्ते चलने वाली लखनऊ-पाटलीपुत्र और छपरा-मथुरा एक्सप्रेस का किराया भी कम हो गया है। भारत में ट्रेन यात्रा को सबसे किफायती और सुविधाजनक माना जाता है। रोजाना लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं, और इसकी पहुंच देश के हर कोने तक है। लेकिन बदलते वक्त के साथ रेलवे की सुविधाओं में कई सुधार किए गए हैं। खासतौर पर डिजिटल युग ने टिकट बुकिंग को बेहद आसान बना दिया है। अब रेलवे काउंटर पर लंबी कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे मोबाइल या लैपटॉप से ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक कर सकते हैं। पूर्वाेत्तर रेलवे ने नए साल में किराये में संशोधन कर अपने यात्रियों को सौगात दी है। सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने के साथ उन्हें नए टाइम टेबल में भी शामिल कर लिया है। अब यह सभी सुपरफास्ट ट्रेनें एक्सप्रेस के रूप में चलने लगी हैं। दरअसल, यात्रियों की मांग पर एनईआर की यह चारों सुपरफास्ट ट्रेनें स्टेशनों पर अतिरिक्त ठहराव बढ़ने के साथ एक्सप्रेस बन गई थीं। इसके बाद भी यह ट्रेनें रेलवे की फाइलों में सुपरफास्ट के रूप में दर्ज थीं। रेलवे भी इन एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया सुपरफास्ट का वसूल रहा था।