देश के 8 राज्यों में 24 हजार 600 करोड़ रुपये की कीमत से बनेगी नई रेल लाइनें, 64 नए स्टेशन, जानें- रूट और स्टेट
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ये परियोजनाएं एक राष्ट्रीय मास्टरप्लान का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से अभी भी वंचित क्षेत्रों तक पहुंचकर यात्रियों और माल की आवाजाही में सुधार करना, आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुव्यवस्थित करना और आर्थिक विकास को गति देना है महाराष्ट्र में अजंता गुफाएँ, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, पहली बार रेल द्वारा सेवा प्रदान की जाएगी.
प्रस्तावित आठ नई लाइनें-
गुनुपुर - थेरुबली (73.6 किमी)
जूनागढ़ - नबरंगपुर (116.2 किमी)
बादामपहाड़ - केंदुझारगढ़ (82.1 किमी)
बंगरीपोसी - गोरुमहिसानी (85.6 किमी)
मलकानगिरी - पांडुरंगपुर (173.6 किमी)
बुरामारा - चाकुलिया (60 किमी)
जालना - जलगांव (174 किमी), और
विक्रमशिला - कटारेह (26.2 किमी)
नई लाइनों पर माल यातायात में कृषि उपज, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, बॉक्साइट, चूना पत्थर, ग्रेनाइट और कंटेनर शामिल होने की उम्मीद है. रेल मंत्री वैष्णव के अनुसार, प्रदान की गई अतिरिक्त क्षमता से माल यातायात में 143 मिलियन टन की वृद्धि होगी और CO2 उत्सर्जन में 870,000 टन प्रति वर्ष की कमी आएगी, जबकि भारत के तेल आयात में सालाना 320 मिलियन लीटर की कमी आएगी. सरकार अगले पांच वर्षों में देश के रेलवे नेटवर्क में 10-12 ट्रिलियन रुपए निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी.