बिजली बिल भरकर भी बकायेदार? UP में अजीब गड़बड़

बिजली बिल भरकर भी बकायेदार? UP में अजीब गड़बड़
बिजली बिल भरकर भी बकायेदार? UP में अजीब गड़बड़

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर जिले में बीते एक हफ्ते से बिजली उपभोक्ता ऐसी परेशानी से जूझ रहे हैं जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. डिजिटल पेमेंट के दौर में जहां लोग मोबाइल से दो सेकंड में बिल चुका रहे थे, वहीं अब यही सुविधा लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है. सुबह-सुबह बिजली कार्यालयों के बाहर लंबी लाइनें, उपभोक्ताओं की घबराहट और इंजीनियरों की लाचारी, सभी हालात दिखा रही हैं कि तकनीक की एक खामी कितने बड़े संकट को जन्म दे सकती है.

क्यों बढ़ी परेशानी?

UPI से बिजली बिल चुकाने वाले हजारों उपभोक्ताओं के खाते से तो पैसे कट जा रहे हैं, लेकिन बिजली निगम के खाते में वह रकम समय पर नहीं पहुंच रही. नतीजा बिल बकाया दिख रहा, कई उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर से कनेक्शन तक कटने लगे, रोजाना शिकायतों की बाढ़. लोग हैरान हैं कि आखिर भुगतान करते वक्त आया ‘सक्सेसफुल’ मैसेज अब मायने क्यों नहीं रखता.

उपभोक्ताओं की आवाज: डर और नाराज़गी

शाहपुर के राहुल सिंह बताते हैं कि उनका बिल पहले 24 घंटे में अपडेट हो जाता था, लेकिन 15 नवंबर को किया भुगतान अब तक बकाया दिख रहा है.

मोहद्दीपुर के दिनेश यादव चिंतित हैं कि कहीं स्मार्ट मीटर से उनका कनेक्शन न कट जाए, जबकि वे नियमित भुगतान करते हैं. लोगों की शिकायत एक ही है कि जानकारी साफ नहीं है और समाधान कहीं नजर नहीं आता.

ऑटो-पेमेंट वालों की सबसे बड़ी समस्या

बहुत से उपभोक्ता बिल जनरेट होते ही ‘ऑटो मोड’ में UPI से पेमेंट कर देते हैं. पहले यह सिस्टम मिनटों में अपडेट हो जाता था, पर लगभग 10 दिन पहले अचानक गड़बड़ी शुरू हुई. कई लोगों की रकम अब तक निगम के खाते तक नहीं पहुंची और उनका मीटर लगातार ‘ड्यू अमाउंट’ दिखा रहा है.

इंजीनियर भी है परेशान

बिजली कार्यालयों में रोज नई भीड़ जुटती है. इंजीनियर जांच में यही निष्कर्ष निकाल रहे हैं कि “राशि बैंक खाते से कट तो रही है, पर निगम के खाते में देरी से पहुंच रही है.” टाउनहाल खंड के अधिशासी अभियंता अंकित कुमार मानते हैं कि UPI से भुगतान में तकनीकी दिक्कत जरूर है, मगर रकम कुछ दिन बाद आ जाती है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.

ज़िम्मेदार कौन? सिस्टम कब ठीक होगा?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब करोड़ों रुपये इस तकनीकी खामी में अटक गए हैं, तो बिजली निगम ने UPI भुगतान अस्थायी रूप से बंद क्यों नहीं किया? निगम के पास न स्पष्ट निर्देश हैं, न उपभोक्ताओं को राहत देने की कोई तत्काल योजना.

  • UPI से बिजली बिल भुगतान में तकनीकी गड़बड़ी चल रही है.
  • राशि उपभोक्ता के खाते से तुरंत कट जाती है, पर बिजली निगम के खाते में पहुंचने में कई दिनों की देरी हो रही है.
  • बिल अपडेट न होने से बकाया दिख रहा और कुछ उपभोक्ताओं का कनेक्शन भी कट चुका है.
  • निगम ने UPI भुगतान रोकने या वैकल्पिक समाधान की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।