गोरखपुर में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप: लॉजिस्टिक हब बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम, फोरलेन सड़क और रेलवे कनेक्टिविटी

गोरखपुर धुरियापार में लॉजिस्टिक हब की तैयारी, सड़क-रेल कनेक्टिविटी जल्द!

गोरखपुर में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप: लॉजिस्टिक हब बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम, फोरलेन सड़क और रेलवे कनेक्टिविटी
gorakhpur news

गोरखपुर के धुरियापार में इंडस्ट्रियल टाउनशिप का मास्टर प्लान शासन से मंजूर हो गया है, और अब इस इलाके को ग्रेटर नोएडा की तरह विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। शासन के निर्देश पर प्रस्तावित रेलवे लाइन के आसपास के गांवों को भी इस टाउनशिप में शामिल किया जाएगा। धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को लॉजिस्टिक का प्रमुख केंद्र बनाने की कोशिश की जा रही है। लॉजिस्टिक सेवा यानी कच्चे और तैयार उत्पाद का ट्रांसपोर्ट और भंडारण, किसी भी औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस टाउनशिप को सड़क और रेल दोनों कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा।

धुरियापार का नया औद्योगिक क्षेत्र गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के पास स्थित है, जो इस परियोजना के लिए फायदेमंद साबित होगा। गीडा को इस टाउनशिप के विकास के लिए शासन से निर्देश मिल चुके हैं। आने वाले समय में जब रेल लाइन बिछ जाएगी, तो धुरियापार क्षेत्र में बड़े उद्योगों को काफी आसानी होगी। साथ ही, जहां रोड और रेल दोनों कनेक्टिविटी मिल रही है, वहां धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप में लॉजिस्टिक सेक्टर के विकास से उद्योगों को और भी सुविधाएं मिलेंगी। 

खजनी से धुरियापार चीनी मिल तक बनेगी फोरलेन सड़क

धुरियापार चीनी मिल से खजनी तक की सड़क को फोरलेन बनाने की योजना शुरू कर दी गई है। यह सुझाव शासन ने धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के मास्टर प्लान को मंजूरी देते हुए दिया था। गीडा को यह निर्देश भी मिला है कि मास्टर प्लान में शामिल क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक जोड़ने की कार्यवाही की जाए।

यह भी पढ़ें: लखनऊ मेट्रो सेकंड फेज में 25 ट्रेनें चलेंगी, पुराने शहर को मिलेगा मेट्रो का तोहफा

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पर्यावरण प्रभाव का होगा सर्वे

धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन शुरू हो गया है। गीडा प्रशासन ने उद्योगों से पर्यावरण पर संभावित प्रभाव को लेकर सर्वे कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एनवायरनमेंटल इम्पैक्ट एसेसमेंट (EIA) संस्था का चयन किया जाएगा। 7 जुलाई तक इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके बाद संस्था का चयन कर सर्वे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

यह भी पढ़ें: यूपी में गंगा पर सिक्स लेन पुल अब 2026 तक होगा पूरा

मास्टर प्लान मंजूर, 600 एकड़ से अधिक जमीन का अधिग्रहण

धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप का मास्टर प्लान शासन से मंजूर हो चुका है। गीडा ने 600 एकड़ से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया है। इस क्षेत्र में कई बड़े ग्रुप्स जैसे अदाणी, अवाडा और केयान ने जमीन की मांग की है। लेकिन, भूमि आवंटन से पहले गीडा को पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी है। इसके लिए गीडा ने पर्यावरण प्रभाव का अध्ययन करने के लिए संस्था की तलाश शुरू कर दी है। धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप और गीडा क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और इंफ्रास्ट्रक्चर काम को तेज करने के लिए 26 सेवानिवृत्त कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। यह तैनाती छह महीने के लिए होगी। इसके तहत दो सहायक महाप्रबंधक, एक वरिष्ठ प्रबंधक, एक प्रबंधक, और एक प्रबंधक  की भर्ती की जाएगी।

यह भी पढ़ें: यूपी: सीएम योगी बोले- GST सुधार से किसानों-युवाओं को सीधा फायदा

On

About The Author

Harsh Sharma   Picture

 

हर्ष शर्मा उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक युवा डिजिटल पत्रकार हैं। उन्होंने Inkhabar, Expose India और Times Bull जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट राइटिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट में काम किया है। SEO फ्रेंडली लेखन और डिजिटल न्यूज प्रोडक्शन में अनुभव रखते हैं। वर्तमान में भारतीय बस्ती में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।