Gorakhpur Link Expressway Update: बनाया जा रहा चैनल
अब सफर के लिए करना होगा तीन महीने का इंतजार
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस.वे पर फर्राटा भरने के लिए अभी तीन महीने और इंतजार करना होगा। इस एक्सप्रेस.वे पर बेलघाट पुल के पास सरयू नदी की धारा मोड़ने का कार्य लंबित होने की वजह से एक लेन पर अभी आवागमन रोका गया है। इसके अलावा कुछ जगहों पर एक्सप्रेस.वे पर चढ़ने-उतरने वाले रास्ते व कुछ जगहों पर सर्विस लेन का काम अधूरा है, जिसे मार्च तक पूरा किया जाना है।
अब सफर के लिए करना होगा तीन महीने का इंतजार
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस.वे का निर्माण एक्सप्रेस.वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ;यूपीडा, की तरफ से कराया जा रहा है। 31 दिसंबर 2024 तक इसका कार्य पूर्ण कराने का लक्ष्य था। इसके अनुसार कार्य तेजी से चल रहा था। नवंबर में फोरलेन का काम पूरा होने के बाद अब उद्घाटन की तैयारी शुरू हो गई थी। इसी बीच दिसंबर में बेलघाट के पास सरयू नदी की धारा मुड़कर नई बनी सड़क और पुल के पास कटान करने लगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपीडा ने पुल बनाने की विशेषज्ञता वाले संस्थान उत्तर प्रदेश सेतु निगम से सहायता मांगी तो वहां एक विशेषज्ञ ने बीते 05 दिसंबर को मौके का निरीक्षण किया। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर बेलघाट के पास सरयू नदी की तेज धारा से एप्रोच को सुरक्षित करने के लिए सेतु निगम, त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार कर रहा है। एप्रोच के पास नदी में पहले दीवार की तरह शीट पाइल लगाई जा रही है, इसके बाद टेक्सटाइल ट्यूब लगाई जा रही है और फिर नदी की धारा को मोड़कर मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ड्रेजर का चौनल बनाया जा रहा है। दो से ढाई माह में यह कार्य पूरा हो जाएगा, जिसके बाद बेलघाट के कम्हरियाघाट ओवरब्रिज पास बंद किए गए एक लेन पर भी आवागमन शुरू हो जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण करा रहा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) 198 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इससे एप्रोच मार्ग पर दरार पड़ गई। सूचना मिलते ही यूपीडा ने संबंधित लेन पर आवागमन बंद कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण ने ओवरब्रिज बनाने की विशेषज्ञता वाले संस्थान उत्तर प्रदेश सेतु निगम से संपर्क साधा।तैयार कर रहे त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा
सुरक्षा से समझौता नहीं करते हुए यूपीडा ने तत्काल एक बैठक बुलाई, जिसमें बैठक में नदी की धारा मोड़ने व एप्रोच को और मजबूत बनाने का निर्णय किया गया। सेतु निगम का यह जिम्मेदारी सौंपी गई। निगम ने 198 करोड़ की परियोजना तैयार की जिसे यूपीडा ने तत्काल स्वीकृति देते हुए 50 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए। सेतु निगम के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना होने की वजह से मौके पर तेजी से काम कराया जा रहा है। दो से ढाई महीने में एप्रोच को पूरी तरह सुरक्षित कर लिया जाएगा। पहला यूटिलिटी सेंटर गोरखपुर क्षेत्र में और दूसरा आजमगढ़ में होगा। लखनऊ, दिल्ली के साथ वाराणसी और प्रयागराज की राह भी आसान करने वाले इस लिंक एक्सप्रेसवे पर भविष्य में ट्रैफिक लोड काफी बढ़ने की उम्मीद है। इसे देखते हुए ही (यूपीडा) बोर्ड की बैठक में दोनों यूटिलिटी सेंटर बनाने का निर्णय किया गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सहजनवां के पास जैतपुर से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आजमगढ़ जिले के सालारपुर में जुड़ा है। 7283 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 91.35 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ जिले के लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। आगरा और यमुना एक्सप्रेसवे की तरह गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के किनारे भी दो जगह पर यूटिलिटी सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। 30-30 एकड़ में प्रस्तावित इस सेंटर पर पेट्रोल पंप, सीएनजी पंप, होटल व रेस्त्रां के अलावा वाहनों की मरम्मत के लिए एक गैराज भी बनाया जाएगा। निगम के एक विशेषज्ञ ने बीते पांच दिसंबर को मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद 13 दिसंबर को आइआइटी रुड़की से विशेषज्ञ बुलाए गए। निरीक्षण के बाद विशेषज्ञ ने बताया कि अगर नदी की धारा मोड़ने का कार्य नहीं कराया गया तो आने वाले समय में लिंक एक्सप्रेस-वे के ओवरब्रिज के एप्रोच को खतरा हो सकता है।