यूपी के इस जिले से दिल्ली तक बनेगा इलेक्ट्रिक हाईवे!, इस तरह चलेंगी गाड़िया
दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर इलेक्ट्रिक हाईवे के निर्माण की संभावनाओं का अध्ययन किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस दिशा में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इलेक्ट्रिक हाईवे के निर्माण से न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचेगा, बल्कि यह वाहनों की गति को भी बढ़ाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, इस हाईवे के जरिए दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी कम होने की उम्मीद है। इस पहल से सड़क परिवहन में सुरक्षा और दक्षता में सुधार की संभावना है, जो यात्रियों के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है।
इसके अलावा, नई दिल्ली-आगरा हाईवे पर भी इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की संभावनाओं का अध्ययन किया जा रहा है। इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह योजना व्यावहारिक है या नहीं। फिलहाल, राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 लेन में विस्तारित किया गया है, और हाईवे के दोनों ओर एक-एक अतिरिक्त लेन की भूमि भी उपलब्ध है, जो इस परियोजना को और अधिक संभव बनाती है।
एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि "इलेक्ट्रिक हाईवे को निर्मित करना बहुत मुश्किल का कार्य नहीं है। इस हाईवे को एक ही लेन पर स्थापित किया जा सकता है। इसके दोनों किनारों पर सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर या अन्य प्रकार की दीवारें बनानी होंगी। इसके अलावा, ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) लाइन को भी बिछाया जाएगा, जिससे सभी प्रकार के वाहन चल सकेंगे। इन वाहनों में पेंटो (pantograph) भी लगाया जाएगा, जो ओवरहेड लाइन से बिजली प्राप्त करेगा।" सरकार का उद्देश्य है कि इस तरह के हाईवे से पर्यावरण को बेहतर बनाने और ऊर्जा के नवीनीकरण में मदद मिलेगी।
जैसे ही वाहन इलेक्ट्रिक हाईवे में प्रवेश करेंगे, उन्हें पेंटो को ऊपर उठाना होगा। ओएचई से संपर्क करते ही बिजली की आपूर्ति सक्रिय हो जाएगी। इस प्रणाली के तहत, वाहनों की स्पीड 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक आसानी से पहुंच सकती है। यह नई तकनीक न केवल ईंधन की बचत करेगी, बल्कि सड़क पर यात्रा को भी अधिक सुगम बनाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और प्रदूषण में कमी आएगी। इस प्रकार की सुविधाएं भविष्य में परिवहन को और अधिक स्मार्ट और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
एनएचएआई के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि "इलेक्ट्रिक हाईवे पर सभी प्रकार के वाहन नहीं चल सकेंगे। केवल वही वाहन इस हाईवे का उपयोग कर पाएंगे, जिनमें पेंटो सिस्टम स्थापित होगा और जिनके टायरों की स्थिति सही होगी। इस नई व्यवस्था के तहत, इलेक्ट्रिक हाईवे का उपयोग करने वाले वाहनों से पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देने का कार्य करेगी।" अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की व्यवस्था से सड़क परिवहन को अधिक सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जा सकेगा।
पेट्रोल और डीजल के उपयोग में कमी आएगी, जिससे न केवल आर्थिक लाभ होगा बल्कि वायु और ध्वनि प्रदूषण में भी महत्वपूर्ण कमी देखने को मिलेगी। इस नई व्यवस्था के चलते पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को न्यूनतम किया जा सकेगा। इसके अलावा, मालभाड़ा की दरों में भी कुछ हद तक कमी आने की संभावना है, जो व्यापारियों के लिए लाभकारी साबित होगी। इलेक्ट्रिक हाईवे को ट्रेनों की तर्ज पर एक कंट्रोल रूम के माध्यम से संचालित किया जाएगा। इस कंट्रोल रूम में हाईवे पर चलने वाले प्रत्येक वाहन की जानकारी उपलब्ध होगी, जिससे प्रशासन को वाहनों की गति सीमा पर नजर रखने में आसानी होगी।
इलेक्ट्रिक हाइवे पर सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन संभव है। इस विशेष हाइवे का उपयोग करने वाले ग्राहकों को कई सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इनमें पेट्रोल पंप की तरह ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है, जिससे ग्राहकों को चार्जिंग की सुविधा आसानी से मिलती है। इसके अलावा, बैटरी स्वैपिंग मशीनों की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे ग्राहक अपनी बैटरी को जल्दी और सुविधाजनक तरीके से बदल सकेंगे। इस पहल से इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा और पर्यावरण की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी।