गाय का मीट’ कहकर लोगों को घेरा, सड़क किनारे नंगा कर पीटा – अलीगढ़ से दिल दहला देने वाली घटना

24 मई को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक घटना ने शहर की फिजा में हलचल मचा दी। मामला एक गाड़ी को लेकर था, जिसमें कुछ लोग कथित रूप से मीट लेकर फैक्ट्री से दुकान की ओर जा रहे थे। लेकिन बीच रास्ते पर पनेठी गांव के पास उनकी गाड़ी को कुछ स्थानीय लोगों ने रोक लिया। आरोप है कि उन पर गोमांस ले जाने का संदेह किया गया और इसी शक में उन्हें घेरकर बुरी तरह पीटा गया।
गाड़ी में मौजूद लोगों में कदीम अली, अरबाज और एक ड्राइवर शामिल थे। पीड़ित पक्ष का कहना है कि वे 'अल ततबारक मीट फैक्ट्री' से भैंस का मांस लेकर दुकान जा रहे थे। उनके पास वैध दस्तावेज और फैक्ट्री की रसीदें भी थीं, जिनमें स्पष्ट रूप से भैंस के मीट का उल्लेख था।
भीड़ का हमला और आरोप
स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, गाड़ी रोकने वाले लोग स्वयं को एक हिंदूवादी संगठन से जुड़ा बता रहे थे। उन्होंने पहले तो ₹500 की मांग की और जब पैसा देने से मना किया गया, तो उन्होंने गाड़ी में सवार तीनों लोगों को उतारकर सड़क किनारे बेरहमी से पीटा। बताया गया कि हमला करने वालों के पास लोहे की रॉड और हथियार भी थे। पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें कुछ लोग खुलेआम कैमरे पर हमला करने की बात स्वीकारते नजर आते हैं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल लोगों को अस्पताल भेजा गया। सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने मौके से मीट के अवशेष बरामद कर उसकी जांच के लिए सैंपल मथुरा भेज दिया है।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में मीट भैंस का प्रतीत हो रहा है। इसके साथ ही पीड़ितों के पास मौजूद दस्तावेजों और रसीदों में भी भैंस के मांस का उल्लेख पाया गया है। मामले में 13 नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
राजनीतिक बयानबाज़ी और शांति की अपील
घटना के बाद विभिन्न संगठनों और राजनीतिक नेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। कुछ लोगों ने खुलकर बयान दिए हैं कि यदि गोवंश को नुकसान पहुंचाया गया तो परिणाम गंभीर होंगे। वहीं, दूसरी ओर कई सामाजिक संगठनों ने हिंसा की कड़ी निंदा की और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
पुलिस प्रशासन ने कहा है कि दोषियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। मौके पर शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
यह घटना एक बार फिर बताती है कि अफवाह, संदेह और भावनाओं के उबाल से कानून हाथ में लेना कितना खतरनाक हो सकता है। अगर किसी पर संदेह है, तो उसका समाधान कानून के दायरे में रहकर किया जाना चाहिए। समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम संवेदनशील मुद्दों पर संयम बरतें और किसी भी जानकारी की पुष्टि से पहले प्रतिक्रिया न दें।