देश के इस राज्य को मिलेगी पहले Sleeper Vande Bharat! जानें- क्या होगा रूट और किराया
Sleeper Vande Bharat News
खबरों के मुताबिक आने वाले 10 दिनों के पश्चात इस ट्रेन को परीक्षण के लिए संचालित करवाया जाएगा, और तीन महीने के अंतर्गत इस नई स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को आम जनता के लिए संचालित करवा दिया जाएगा. यह नई स्लीपर वंदे भारत ट्रेन, अत्यधिक बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी के रूप में है क्योंकि यह प्रथम वंदे भारत स्लीपर ट्रेन है जो की पटना से दिल्ली के मध्य में संचालित की जाएगी. अगर हम इस ट्रेन की स्पीड की बात करें तो यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और इस ट्रेन में 16 कोच उपलब्ध होंगे. नॉर्मल ट्रेनों से पटना से दिल्ली तक का सफर 15 से 16 घंटे में संपन्न होता है परंतु वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की सहायता से क्या सफर केवल 8 घंटे में संपन्न हो जाएगा, फिलहाल इस ट्रेन का स्टॉपेज निश्चित नहीं किया गया है.
क्या होगा किराया?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रेन के विषय में बताया है कि "यह ट्रेन मिडिल क्लास लोगों के लिए बनवाया गया है. इस ट्रेन का टिकट प्राइस राजधानी ट्रेन के टिकट प्राइस के तक़रीबन होगा. शुरुआत में 800 से 1200 किलोमीटर की दूरी पर इस ट्रेन को चलवाया जाएगा. इस नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को बनाने का लक्ष्य यह है कि रात्रि के समय यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सर्व अधिक पसंद आए."
वंदे भारत चेयरकार के मुताबिक इस नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में अधिक सीटों की व्यवस्था की गई है, चेयरकार में आठ कोच और 530 सिटें मौजूद है. दूसरी तरफ स्लीपर वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच और 823 बर्थ मौजूद रहेंगे. खबरों के मुताबिक इस वर्ष के दिसंबर महीने में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को संचालित करवाया जा सकता है. फिलहाल दो महीना तक सरिता का परीक्षण चलेगा, उसके पश्चात यात्रियों के लिए इस ट्रेन को संचालित कर दिया जाएगा.
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है

