Ram Mandir Land Deal: क्या राम मंदिर की जमीन खरीदने में हुआ घोटाला? यहां जानें अब तक किसने क्या कहा?

आप नेता ने दावा किया कि दोनों लेनदेन राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के इशारे पर किए गए. ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय रजिस्ट्री के गवाह थे. आरोप लगाने के बाद, संजय सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मामले की जांच की मांग की.
इस बीच, सपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री पवन पांडे ने भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर इसी तरह के आरोप लगाए. एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, पांडे ने पूछा कि केवल 10 मिनट के अंतराल में किसी भूमि का मूल्य 10 गुना कैसे बढ़ सकता है. सपा नेता ने दावा किया कि '18 मार्च 2021 को राम मंदिर के नाम पर खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री में उसकी कीमत 2 करोड़ रुपये बताई गई लेकिन 10 मिनट बाद राम मंदिर ट्रस्ट और विक्रेता के बीच 18 करोड़ रुपये का समझौता हुआ.' उन्होंने कहा कि ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के नाम पर राम भक्तों को ठगा जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक ट्रस्टी और अयोध्या के मेयर को संदिग्ध भूमि सौदे के बारे में पता था.
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उधर रामजन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा कि वह इन आरोपों की परवाह नहीं करते. उन्होंने कहा, 'हम पर आरोप लगते ही रहते हैं. 100 साल से आरोप ही देख रहे हैं हम लोग. हम पर महात्मा गांधी की हत्या के आरोप लगे. आरोप की हम चिंता नहीं करते, आप भी चिंता मत करिए. आप खूब लगाइए. आप अपना काम करिए, हम अपना काम करेंगे.'
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