UP में बुलेट ट्रेन का सपना, लखनऊ से अयोध्या तक हाई-स्पीड रेल की तैयारी
तेज और आसान सफर पर सरकार का फोकस
सरकार का मानना है कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केवल भव्य मंदिर और कॉरिडोर ही काफी नहीं हैं, बल्कि वहां तक पहुंचने का सफर भी आसान, सुरक्षित और समय बचाने वाला होना चाहिए. इसी सोच के अंतर्गत अब इन तीनों प्रमुख धार्मिक शहरों को हाई स्पीड परिवहन नेटवर्क से जोड़ने की योजना बनाई गई है.
विजन-2047 में शामिल हुई हाई स्पीड ट्रेन योजना
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की तरफ से तैयार किए गए विजन-2047 दस्तावेज में इस महत्वाकांक्षी योजना को शामिल किया गया है. इसके अंतर्गत अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज तक बुलेट ट्रेन जैसी तेज रफ्तार रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है. इससे प्रदेश के अंदर और दिल्ली व लखनऊ से भी इन शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी.
मेट्रो रेल कॉरपोरेशन देगा तकनीकी सहयोग
इस पूरी योजना को जमीन पर उतारने के लिए आवास विभाग, मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के सहयोग से काम करेगा. अभी इन शहरों तक पहुंचने के लिए हवाई सेवा, सामान्य ट्रेनें और बसें ही उपलब्ध हैं, जिनमें यात्रियों को कई घंटे का समय लग जाता है. बुलेट ट्रेन से यह सफर कुछ ही घंटों में पूरा हो सकेगा.
धार्मिक आयोजनों से बढ़ा दबाव
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और प्रयागराज में भव्य महाकुंभ के आयोजन के बाद से इन शहरों में श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है. इसे देखते हुए सरकार होटल, बाजार, शॉपिंग मॉल और अन्य आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ परिवहन ढांचे को भी मजबूत कर रही है.
दो प्रमुख रूट पर चलेगी हाई स्पीड ट्रेन
प्रस्ताव के अनुसार हाई स्पीड ट्रेन दो मुख्य रूट पर चलाई जाएगी. पहला रूट दिल्ली-लखनऊ-प्रयागराज-वाराणसी होगा, जबकि दूसरा रूट लखनऊ से अयोध्या तक प्रस्तावित है. लगभग 1000 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड नेटवर्क को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. कुछ ही समय में इसका विस्तृत प्रस्ताव केंद्रीय रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा.
क्षेत्रीय यात्रा के लिए आरआरटीएस की तैयारी
केवल लंबी दूरी ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय आवागमन को भी बेहतर बनाने की योजना पर काम हो रहा है. इसके अंतर्गत करीब 1500 किलोमीटर क्षेत्र में नमो भारत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) विकसित करने का प्रस्ताव है. इससे मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, जेवर, मिर्जापुर और वाराणसी जैसे शहर आपस में बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर विजन-2047 तैयार कर रहे हैं. उसी कड़ी में यह परिवहन योजना सामने आई है. इस परियोजना के सफल होने से अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज की यात्रा तेज और सुविधाजनक होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन और आधुनिक परिवहन के मामले में देश में नई पहचान बनाएगा.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।