यूपी के संभल के बाद अब इस जिले की बारी, हटाए जाएंगे मंदिर पर हुए अवैध कब्जे
Uttar Pradesh News
जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद ऐतिहासिक स्थलों के कायाकल्प का काम चल रहा है। कुछ दिन पहले तक दशकों से बंद खग्गू सराय और सरायतरीन में मिले दो मंदिरों पर खामोशी छाई थी।
स्थानीयों की जुबानी
मुस्लिम बाहुल्य इलाके में स्थित यह दोनों मंदिर सांस्कृतिक रूप से समृद्ध रहे हैं। हिंदू समाज की आस्था का केंद्र रहे हैं। दशकों पहले यहां हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसालें दी जाती थीं। अब तक दो प्राचीन मंदिर मिल चुके हैं। बंद किए जा चुके कुओं की खुदाई कराई जा रही है। अन्य ऐतिहासिक स्थलों को जोड़कर विकास की योजना बनाई जा रही है। पिछले शनिवार को जनसुनवाई के दौरान सनातन सेवक संघ के प्रदेश प्रचार प्रमुख कौशल किशोर वंदेमातरम की ओर से चंदौसी के मुहल्ला लक्ष्मण गंज में बावड़ी होने के साथ ही बांके बिहारी मंदिर होने का दावा डीएम को सौंपे पत्र में किया था।दंगे के बाद हिंदू परिवारों ने घर छोड़ा
समय के साथ सांप्रदायिक तनावों ने इन इलाकों को गहरे बदलावों का गवाह बनाया। आज भी खग्गू सराय और सरायतरीन के मंदिर वैसे ही खड़े हैं। लेकिन वहां के लोगों द्वारा पलायन करने के बाद यह देखरेख के अभाव में जर्जर हो रहे थे। अब यह मंदिर खुल चुके हैं और पूजा पाठ शुरू हो गई है। 1978 के सांप्रदायिक दंगे ने खग्गू सराय के हिंदू परिवारों पर गहरा असर डाला। इन दंगों के बाद इलाके के करीब 40 हिंदू परिवारों ने अपनी जमीन और मकान छोड़कर अन्य स्थानों पर पलायन कर लिया। इस पलायन की शुरुआत दंगों के दौरान डर और असुरक्षा से हुई थीए लेकिन इसे किसी भी हिंदू परिवार ने दबाव के रूप में नहीं देखा।