यूपी के गोरखपुर में मेट्रो के बनेंगे 27 स्टेशन

यूपी के गोरखपुर में मेट्रो के बनेंगे 27 स्टेशन
27 Metro Stations

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य के प्रमुख शहरों में परिवहन व्यवस्था को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब गोरखपुर समेत यूपी के तीन प्रमुख शहरों में लाइट मेट्रो प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस परियोजना से राज्य के भीतर सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था को सुधारने के साथ-साथ यात्री सुविधा में भी वृद्धि होगी।

गोरखपुर, कानपुर और इलाहाबाद में लाइट मेट्रो

ये शहर वर्तमान में तीव्र शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या का सामना कर रहे हैं, जिससे यातायात की समस्या दिन.प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लाइट मेट्रो प्रणाली इन समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए एक कारगर उपाय साबित होगी। गोरखपुर में लाइट मेट्रो का काम अब जल्द ही शुरू हो रहा है, केंद्र सरकार से डीपीआर मंजूर होने के बाद प्रोजेक्ट के लिए पैसा मिलने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार का प्लान गोरखपुर समेत मेरठ और प्रयागराज में भी लाइट मेट्रो चलाने का है। डीपीआर को अंतिम मंजूरी मिलते ही गोरखपुर, प्रयागराज और मेरठ में लाइट मेट्रो का काम शुरू कर दिया जाएगा. सरकार इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द लागू करने के प्रयास में है। इस परियोजना के लिए जर्मन बैंक से 2,500 करोड़ रुपये की फंडिंग की मंजूरी मिल चुकी है. केंद्र सरकार से भी इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने का इंतजार है। गोरखपुर मेट्रो के दो कॉरिडोर बनेंगे. एक श्यामनगर (बरगदवां के पास) से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक और दूसरा बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ चौराहे तक बनाया जाएगा। लाइट मेट्रो का संचालन इन शहरों में यात्रा को तेज और सस्ता बनाएगा। खासकर उन लोगों के लिए यह योजना बेहद फायदेमंद होगी, जो हर दिन कामकाजी यात्रा करते हैं। यह प्रणाली पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होगी, क्योंकि मेट्रो की संचालन प्रणाली बिजली पर आधारित होगी, जिससे प्रदूषण कम होगा। इसके अलावा यह शहरों में वायु गुणवत्ता में भी सुधार करेगा। गोरखपुर में दो एलिवेटेड मेट्रो लाइनें बनाई जाएंगी, जिनमें कुल 27 स्टेशन होंगे. इस प्रोजेक्ट के लिए 4,672 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट तय किया गया है। इसमें ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट, एक्सरे स्कैनर और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर नहीं होंगे. हालांकि, किराए की सख्ती से निगरानी की जाएगी और अधिक जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है।

यूपी के तीन शहरों में चलेगी लाइट मेट्रो

लाइट मेट्रो प्रणाली से शहरों में सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे यातायात में सुधार होगा और ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी। सरकार गोरखपुर, प्रयागराज और मेरठ में लाइट मेट्रो शुरू करने की तैयारी में है. गोरखपुर मेट्रो के लिए केंद्र सरकार से पैसा मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंज़ूरी मिल चुकी है। लाइट मेट्रो के ट्रैक के किनारे फेंसिंग लगाई जाएगी ताकि किसी बाहरी वाहन या व्यक्ति के प्रवेश की संभावना न हो. ओवरहेड ट्रैक बनाने के लिए सिर्फ सवा दो मीटर जमीन की जरूरत होगी। जिन जगहों पर सड़क की चौड़ाई कम होगी, वहां लाइट मेट्रो को जमीन पर ही चलाने की योजना है. स्टेशन आकार में छोटे होंगे, जिससे जगह की बचत होगी। तीन कोच वाली लाइट मेट्रो में करीब 300 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं. यह योजना कम खर्चे में बेहतर यातायात सुविधा देने के लिए बनाई गई है। यह मेट्रो मुख्य रूप से सड़क के समानांतर चलेगी और जगह की कमी होने पर एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा. स्टेशन बस स्टैंड की तरह होंगे और इसमें तीन से चार कोच होंगे। मेट्रो परियोजना से न केवल यात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, जैसे कि निर्माण कार्य, ऑपरेटर, सुरक्षा कर्मी आदि के रूप में। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों का बंदोबस्त किया है और विशेषज्ञों की मदद से एक विस्तृत योजना तैयार की है। निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है, और उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में इन शहरों में लाइट मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा। गोरखपुर, कानपुर, और इलाहाबाद में लाइट मेट्रो का संचालन होने से इन शहरों के नागरिकों को एक नई और सशक्त परिवहन प्रणाली का लाभ मिलेगाए जो न केवल यातायात की समस्या को हल करेगा बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान करेगा।

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Shambhunath Gupta Picture

शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।