एक भारत, श्रेष्ठ भारत के माध्यम से आपसी एकता, तालमेल और मैत्री की स्थापना
जी किशन रेड्डी

इस पृष्ठभूमि में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 31 अक्टूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 140 वीं जयंती के अवसर पर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ का शुभारंभ करना सर्वाधिक उपयुक्त था। सरदार पटेल की जयंती से पहले, 'मन की बातÓ कार्यक्रम के दौरान दर्शकों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, सरदार पटेल ने हमें एक भारत दिया और अब यह 125 करोड़ भारतीयों का परम कर्तव्य है कि वे सामूहिक रूप से इसे श्रेष्ठ भारत बनाएं। इसके बाद, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में इस पहल की घोषणा करते हुए कहा, सुशासन के लिए हमें देश की विविधता में एकता की भावना को प्रमुखता देनी होगी। एक-दूसरे की समझ को मजबूत करने के लिए, संरचनात्मक तरीके से विभिन्न राज्यों और जिलों के बीच घनिष्ठ आपसी सम्बन्ध बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। राज्यों और जिलों को आपस में जोडऩे के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम के तहत 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ को शुरू किया जाएगा, जो भाषा, व्यापार, संस्कृति, यात्रा और पर्यटन के क्षेत्रों में आदान-प्रदान के माध्यम से लोगों को आपस में जोड़ेगा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्यों और जिलों के बीच आपसी सहमति के जरिए हम इसे सफल बनायेंगे।
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विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच कई स्तरों पर आपसी मैत्री को प्रोत्साहित करते हुए तथा विविधता का उत्सव मानते हुए यह कार्यक्रम भारत की एकता को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम के जरिये, देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, आपसी समझ और अपनी विविध संस्कृतियों के पहलुओं को साझा करके, राष्ट्रीय पहचान की संयुक्त भावना का अनुभव करते हैं। वे एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। इस दौरान वे भाषा, साहित्य, व्यंजन, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन आदि के क्षेत्रों में नियमित मैत्री के जरिये राष्ट्रीय पहचान का अनुभव करते हैं। 'एक भारत श्रेष्ठ भारतÓ एक ऐसी भावना है, जिसके अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक इकाइयां, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों तक पहुंचती हैं, एक-दूसरे से जुड़ती हैं और परस्पर संवाद करतीं हैं। इसके माध्यम से एक ओर अलग-अलग विशेषताओं से युक्त तथा दूसरी ओर एक महानगरीय समाज को आपसी सम्बन्ध और भाईचारे की सहज भावना को आत्मसात करने का अवसर मिलता है। यह घनिष्ठ सांस्कृतिक जुड़ाव और बातचीत, लोगों में समग्र राष्ट्र के लिए जिम्मेदारी और स्वामित्व की भावना प्रेरित करती है। यह राष्ट्र निर्माण की भावना और सभी को लाभ सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य भागीदार राज्यों के विभिन्न हितधारकों के बीच ज्ञान-प्राप्ति का इकोसिस्टम बनाना है, ताकि दो राज्यों के बीच संपर्क की स्थापना से वे दूसरे राज्य की सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखकर उनसे लाभ प्राप्त कर सकें।
'एक भारत श्रेष्ठ भारतÓ कार्यक्रम की बेहतर समझ देशवासियों में अन्य संस्कृतियों को देखने व जानने के लिए उत्सुकता पैदा करती है। इस प्रकार वे पर्यटन और पर्यटन से लाभ प्राप्त करने वाले समुदायों के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह बात, हम सभी को याद है कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित कम से कम 15 पर्यटन स्थलों का दौरा करने के लिए सभी देशवासियों को प्रोत्साहित किया था। प्रधानमंत्री ने महसूस किया था कि इसके माध्यम से पूरे देश में पर्यटन का स्वत: विकास होगा और इसके साथ ही नागरिकों को देश के सुन्दर गंतव्यों और भारत की प्राकृतिक सुंदरता तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री के विजऩ और नेतृत्व ने पर्यटन मंत्रालय की पहल देखो अपना देश और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ जैसे कार्यक्रमों के बीच गहरे तालमेल और आपसी निकटता को संभव बनाया है। अधिक से अधिक वैक्सीन की डोज दिए जाने से, पर्यटन क्षेत्र जनवरी 2022 से पूरी क्षमता से कार्य करने में सक्षम होगा और 'अतुल्य भारत' की अंतर्निहित ताकत 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ की मूल भावना का लाभ उठाकर समृद्धि प्राप्त करेगा।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 के अनुसार; भारत, राज्यों का एक संघ है। इसका अर्थ है कि संघ का विनाश नहीं हो सकता, अर्थात यह अविनाशी है। यह अनूठा संघ धर्मों, संस्कृतियों, जनजातियों, भाषाओं, व्यंजनों और लोगों का एक विविध संयोजन है। भारत जैसा कोई देश नहीं है, जो इतना विविध, बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक हो, फिर भी साझी परंपराओं, संस्कृतियों और मूल्यों के प्राचीन बंधनों से परस्पर जुड़ा हो। हमारे देश की विविधता की रक्षा और संरक्षण करने के लिए हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए अनगिनत बलिदानों की हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे ही एक महान व्यक्तित्व के साथ न्याय करना है, जिन्होंने 565 देशी रियासतों को भारत संघ में एकीकृत करने का महान कार्य किया था।
(लेखक केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री हैं और सिकंदराबाद संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।)