350 खिलाडिय़ों के उपयोग के लिए तीन नए हॉस्टल बनेंगे

नयी दिल्ली कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने देश में खेल के बुनियादी ढांचे की बेहतरी के लिए युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के खेल विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन के तहत सीआईएल, अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ) में 75 करोड़ रुपये का योगदान देगा। सीआईएल के योगदान का उपयोग खिलाडिय़ों के लिए बने तीन बड़े छात्रावासों के निर्माण के लिए किया जाएगा। इस पहल को ओलंपिक और पैरालंपिक में हाल की सफलता के माध्यम से बनाए गए खेल के माहौल को फिर से हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जहां भारत ने पदकों के दृष्टिकोण से अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
इन छात्रावासों का निर्माण लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान, ग्वालियर और भारतीय खेल प्राधिकरण के भोपाल और बेंगलुरु केंद्र में संयुक्त रूप से कुल मिलाकर 350 खिलाडिय़ों के लिए किया जाएगा। यह छात्रावास राष्ट्रीय स्तर के कोचों के तहत केंद्रित प्रशिक्षण के माध्यम से एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर प्रतिभाशाली एथलीटों को सीधे फायदा पहुंचाएंगे। यह परियोजना 2023 तक पूरी हो जाएगी जिसके लिए सीआईएल पहले ही 25 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। सीआईएल का यह विशेष साथ भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के तहत बताए गए उद्देश्य को भी पूरा करता है।
सीआईएल सीएसआर पहलों पर सालाना 500 करोड़ रुपये रुपये से अधिक खर्च करता है। सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों ने अपने परिचालन क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के विषयगत क्षेत्र के तहत कुछ उच्च प्रभाव वाली परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें उल्लेखनीय है- झारखंड के आदिवासी युवाओं को 10 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की लागत से आवासीय प्रशिक्षण प्रदान करके रांची में स्पोर्ट एकेडमी को सहायता, 25 करोड़ रुपये की लागत से संबलपुर, ओडिशा में एक बहुउद्देश्यीय खेल परिसर और ओडिशा के झारसुगुड़ा में 23 करोड़ रुपये की लागत से 10,000 क्षमता का स्टेडियम।