रियान पराग के साथ हुई नाइंसाफी? अंपायरिंग पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर मचा बवाल!

क्या रियान पराग के साथ हुई नाइंसाफी? अंपायरिंग पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर मचा बवाल!
राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस के बीच खेला गया आईपीएल 2025 का यह मुकाबला न केवल स्कोर और पर्फॉर्मेंस की वजह से, बल्कि एक विवादित डिसीजन को लेकर भी सुर्खियों में रहा। यह मुकाबला एक ऐसा मोड़ लेकर आया, जिसने पूरे सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी – क्या रियान पराग को गलत आउट दिया गया?
गुजरात टाइटंस ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए राजस्थान को 219 रनों का विशाल लक्ष्य दिया। जवाब में राजस्थान की शुरुआत अच्छी नहीं रही और शुरुआती झटकों के बाद टीम को उम्मीद की एक किरण दिखाई दी – संजू सैमसन और रियान पराग की जोड़ी।
दोनों बल्लेबाज़ धीरे-धीरे पारी को संभाल रहे थे, तभी एक गेंद ने पूरे मैच की दिशा ही बदल दी।
रियान पराग उस समय बल्लेबाज़ी कर रहे थे और गेंदबाज़ी पर थे कुलवंत खिजरोलिया। एक गेंद पर रियान पराग का आउटसाइड एज लगता है और अंपायर तुरंत उन्हें आउट दे देते हैं। लेकिन पराग संतुष्ट नहीं दिखते। वह तुरंत DRS यानि थर्ड अंपायर की ओर रुख करते हैं।
DRS में क्या हुआ?
बड़ी स्क्रीन पर रिप्ले चलता है। वहां दिखता है कि गेंद ठीक उसी समय बल्ले के पास से गुज़र रही है जब रियान पराग का बैट ज़मीन पर बंप हो रहा था। UltraEdge पर स्पाइक दिखाई देती है, लेकिन यहां सवाल ये उठता है – यह स्पाइक बल्ले से गेंद के टकराने से आई, या फिर बल्ले के ज़मीन से टकराने से?
रियान पराग का मानना था कि गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी, बल्कि उनका बैट ज़मीन पर बंप हुआ, और वही स्पाइक का कारण बना। लेकिन थर्ड अंपायर ने ऑन-फील्ड डिसीजन को बरकरार रखा और पराग को आउट करार दिया गया।
क्या यह फैसला सही था?
यह वही बिंदु है, जहाँ से सोशल मीडिया पर बहस की लहर चल पड़ी। कई फैंस ने DRS एंगल्स को ध्यान से देखने के बाद यह दावा किया कि स्पाइक बल्ले के बंप से आया था, न कि गेंद से संपर्क के कारण। वहीं कुछ ने यह भी कहा कि स्पाइक थोड़ा पहले आया, जिससे गेंद और बल्ले का संपर्क होना संभव है।
पराग खुद भी इस फैसले से संतुष्ट नहीं थे। वह अंपायर्स से बात करते नजर आए, अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए। यह साफ़ था कि वह एक अहम पारी खेलना चाहते थे और इस फैसले ने उनका विश्वास तोड़ा।
क्यों बना ये मामला इतना बड़ा?
इस मुकाबले का लक्ष्य बड़ा था – 219 रन। ऐसे में हर एक बल्लेबाज़ का टिके रहना जरूरी था। रियान पराग इस सीज़न में शानदार फॉर्म में हैं और वो राजस्थान के लिए एक बड़े गेम चेंजर बन सकते थे। लेकिन इस विवादास्पद आउट ने न सिर्फ उनकी पारी को खत्म किया, बल्कि राजस्थान की उम्मीदों को भी झटका दिया।
फैंस की नाराज़गी और सोशल मीडिया रिएक्शन
मैच के बाद ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #JusticeForRiyan ट्रेंड करने लगा। कई पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने भी इस फैसले को “50-50 कॉल” बताया और कहा कि ऐसे मामलों में बल्लेबाज़ को फायदा मिलना चाहिए।
क्या नियमों में सुधार की जरूरत है?
यह कोई पहली बार नहीं है जब UltraEdge या DRS को लेकर विवाद हुआ हो। पिछले सीज़नों में भी कई बार "बल्ला ज़मीन से टकराया या गेंद से?" जैसे सवाल उठ चुके हैं। सवाल यह है कि क्या टेक्नोलॉजी को और बेहतर करने की जरूरत है, या फिर अंपायरों को ऐसे मामलों में ज़्यादा स्पष्टता की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए?