Shardiya Navratri 2024: माता रानी के छठें स्वरूप को कहते हैं कात्यायनी, जानें- कैसे हुआ मां का प्रकटीकरण?

Shardiya Navratri 2024:

Shardiya Navratri 2024: माता रानी के छठें स्वरूप को कहते हैं कात्यायनी, जानें- कैसे हुआ मां का प्रकटीकरण?
Shardiya Navratri 2024 Kathyayini

Shardiya Navratri 2024:  कत्यायनी देवी माँ का छठा रूप कात्यायनी है. हमारे सामने जो कुछ भी घटित होता है और घटित होता है, जिसे प्रपंच कहते हैं, वह केवल दृश्यमान तक ही सीमित नहीं है. जो अदृश्य है और जिसे इंद्रियों द्वारा नहीं देखा जा सकता, वह हमारी कल्पना और समझ से कहीं अधिक बड़ा है.

अदृश्य और अप्रकट सूक्ष्म जगत पर देवी माँ का यह रूप - कात्यायनी शासन करती है. इस रूप में, वह उन सभी चीज़ों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिन्हें देखा या समझा नहीं जा सकता. कात्यायनी देवत्व के गहन और सबसे जटिल रहस्यों का प्रतिनिधित्व करती हैं.

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: ज्ञान और वैराग्य प्रदान करने वाला है मां दुर्गा का कालरात्रि स्वरूप

देवी माँ का यह रूप कैसे प्रकट हुआ? देवी माँ के कत्यायनी रूप में प्रकट होने के पीछे की कहानी
एक बार ऐसा हुआ कि सभी देवता बहुत क्रोधित हो गए. इस क्रोध से उत्पन्न देवी माँ का रूप कात्यायनी के नाम से जाना जाने लगा. सृष्टि में दैवीय और आसुरी शक्तियाँ हैं. इसी तरह, क्रोध एक सकारात्मक या नकारात्मक शक्ति हो सकती है.

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप- बुद्धि की माता क्यों कहलाती हैं स्कंदमाता? जानें- यहां

क्रोध कैसे सकारात्मक या दैवीय गुण हो सकता है और कब यह नकारात्मक या राक्षसी गुण बन सकता है? दोनों में बहुत अंतर है. ऐसा मत सोचिए कि क्रोध केवल एक बुरा गुण है. क्रोध भी महत्वपूर्ण है और उसका अपना स्थान है. अच्छा क्रोध ज्ञान से जुड़ा होता है, जबकि बुरा क्रोध भावनाओं और स्वार्थ से. अच्छा क्रोध व्यापक दृष्टि की भावना से आता है. क्रोध तभी उचित है जब वह अन्याय और अज्ञानता की ओर निर्देशित हो. आमतौर पर जो कोई भी क्रोधित होता है, वह सोचता है कि उसका क्रोध उचित है और केवल किसी अन्याय की ओर निर्देशित है! लेकिन अगर आप अस्तित्व के अधिक सूक्ष्म स्तरों में गहराई से जाएंगे, तो आप पाएंगे कि वास्तव में ऐसा नहीं है. ऐसे मामलों में, क्रोध वास्तव में व्यक्ति के लिए बंधन पैदा करता है. इसलिए, जो क्रोध सही कारणों से उत्पन्न होता है और नकारात्मकता और अन्याय की ओर निर्देशित होता है, वह देवी कात्यायनी का प्रतिनिधित्व करता है.

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: मां जगदंबा के चौथे स्वरूप को क्यों कहते हैं कूष्मांडा? जानें यहां

आपने कई प्राकृतिक आपदाएँ देखी होंगी जिन्हें लोग प्रकृति का बदला कहते हैं. उदाहरण के लिए, कई जगहों पर बड़े भूकंप आते हैं, या भयंकर बाढ़ आती है. इन सभी घटनाओं का श्रेय देवी कात्यायनी को दिया जाता है. देवी कात्यायनी उस दिव्य सिद्धांत और देवी माँ के रूप का प्रतिनिधित्व करती हैं जो ऐसी भयानक प्राकृतिक आपदाओं और विपत्तियों के पीछे है. देवी कात्यायनी उस क्रोध का भी प्रतिनिधित्व करती हैं जो सृष्टि में धर्म और सत्य के सिद्धांतों को पुनर्स्थापित करने और पुनर्जीवित करने के लिए उत्पन्न होता है. कात्यायनी अव्यक्त दिव्यता की दिव्य शक्ति या सिद्धांत है जो नकारात्मकता के खिलाफ और धर्म को बहाल करने के उद्देश्य से सृष्टि की सूक्ष्म परतों में उत्पन्न होती है. ऐसा कहा जाता है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति का क्रोध केवल अधिक अच्छाई लाता है; जबकि एक अज्ञानी या मूर्ख व्यक्ति का प्यार भी केवल अधिक परेशानी पैदा कर सकता है. यही कारण है कि देवी कात्यायनी वास्तव में एक लाभकारी और उत्थानकारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं.

On

Join Basti News WhatsApp

ताजा खबरें

यूपी में टीचर्स, सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द कर सकते हैं बड़ा ऐलान
यूपी के बस्ती में 22 मीटर चौड़ी नहीं बन पाएगी ये सड़क! आई ये दिक्कत, अब PWD बना रहा ये प्लान
Shardiya Navratri 2024: मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप को क्यों कहते हैं ब्रह्मचारिणी? नहीं जानतें होंगे आप, जाने यहां
Shardiya Navratri 2024: मां दुर्गा के प्रथम नाम शैलपुत्री का ये अर्थ नहीं जानतें होंगे आप? जान लें यहां
Shardiya Navratri 2024: माता रानी के छठें स्वरूप को कहते हैं कात्यायनी, जानें- कैसे हुआ मां का प्रकटीकरण?
Shardiya Navratri 2024: दुर्गा जी के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा के नाम का ये मतलब नहीं जानते होंगे आप?
Shardiya Navratri 2024: मां जगदंबा के चौथे स्वरूप को क्यों कहते हैं कूष्मांडा? जानें यहां
Shardiya Navratri 2024: मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप- बुद्धि की माता क्यों कहलाती हैं स्कंदमाता? जानें- यहां
Shardiya Navratri 2024: ज्ञान और वैराग्य प्रदान करने वाला है मां दुर्गा का कालरात्रि स्वरूप
Shardiya Navratri 2024: सुंदरता की प्रतिमूर्ति हैं मां महागौरी,नवरात्र के 8वें दिन होती है पूजा